सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारत समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है। वह किसी भी विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने को तैयार है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने शुक्रवार को कहा, “भारत की तरफ से हो रही बयानबाजी और तमाम मुश्किलों के बावजूद हमने जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है।”
मुमताज ने आगे कहा, “हम भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के विवाद समेत सभी मसलों को बातचीत के जरिए हल निकालने को तैयार हैं। हम शांतिपूर्ण तरह से साथ मिलकर आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों देशों में शांति बनाए रखने के लिए भारत भी बातचीत से समस्याओं का हल निकालने की कोशिश करेगा।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने PM मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर भी सवाल पूछा गया। इस पर बलोच ने कहा कि भारत में सरकार बनने की प्रक्रिया अभी चल रही है। ऐसे में इस बारे में कोई भी बयान देना सही नहीं होगा।
‘भारत-पाक संबंधों का खास इतिहास रहा है’
पिछले 4 महीनों में पाकिस्तान के अलग-अलग मंत्री कई बार भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर बयान दे चुके हैं। अप्रैल में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उम्मीद जताई थी कि भारत में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधरेंगे। उन्होंने कहा था कि भारत-पाक संबंधों का अपना एक खास इतिहास रहा है। ऐसे में चुनाव के बाद हालात बदलने की उम्मीद है।
इससे पहले 23 मार्च को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय भारत के साथ व्यापार बहाल करना चाहता है। सरकार मामले से जुड़े लोगों से सलाह लेकर सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद निर्णय लेगी।
PAK मंत्री ने कहा था- मोदी को हराना ही होगा, इससे भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधरेंगे
दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि वे चाहते हैं नरेंद्र मोदी यह चुनाव हार जाएं। फवाद ने कहा था कि पाकिस्तान में हर कोई यह चाहता है। भारत पाकिस्तान के रिश्ते तभी सुधरेंगे, जब दोनों देशों में अतिवाद कम होगा।
फवाद ने आगे कहा था कि भारत में RSS और BJP लगातार पाकिस्तान के लिए लोगों के दिलों में नफरत भर रहे हैं। नरेंद्र मोदी की सोच कट्टरपंथी है। उनकी शिकस्त होना बहुत जरूरी है। जो भी उनको हराएगा चाहे वे राहुल हों, केजरीवाल हों या ममता बनर्जी हों, उसके साथ हमारी शुभकामनाएं हैं।