इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान में विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है, तो सरकार भी विपक्ष को नाकाम करने का कोई हथकंडा आजमाने से पीछे हटती नहीं दिखाई दे रही है। विपक्ष को अब एक नया मुद्दा मिल गया है। आसमां जहांगीर फाउंडेशन की कांफ्रेंस में वर्चुअल बोलने के दौरान पाक सरकार ने इंटरनेट ठप करके पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भाषण बाधित कर दिया। बाद में नवाज ने फोन के जरिए कांफ्रेंस को संबोधित किया।

आयोजक और खुद नवाज भी इसको लेकर सरकार को घेर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि आयोजकों ने इस कांफ्रेंस में एक भगोड़े और कोर्ट से सजा पाए अपराधी को बुलाकर गलत काम किया है। पाकिस्‍तान के आंतरिक मंत्री ने कहा कि उन्‍होंने इस कांफ्रेंस में आने से इस वजह से ही मना कर दिया था, क्‍योंकि इसमें नवाज शरीफ को बोलने का मौका दिया गया। उल्लेखनीय है कि नवाज शरीफ दो वर्ष से लंदन में रह रहे हैं।

इस कांफ्रेंस के दौरान नवाज शरीफ ने भी इमरान खान की सरकार को जमकर लताड़ लगाई और कई आरोप लगाए। उन्‍होंने कहा पाकिस्‍तान बेहद मुश्किल दौर में है। देश की जनता बेहद मायूस है और इसका जवाब लेने का उसको पूरा हक है। जब तक जवाब नहीं मिलता है तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। उन्‍होंने कहा यदि सवाल करने वालों की जुबान ही खामोश कर दी जाएगी तो देश का हाल नहीं सुधरेगा। उन्‍होंने कहा इस कांफ्रेंस के दौरान भी इंटरनेट की सेवा को बाधित करना ऐसा ही एक कदम है।

सरकार आवाज उठाने वालों को मरवा देती है, नौकरियों से निकाल दिया जाए। सरकार ने ऐसे लोग बिठाए हुए हैं जिनका काम ही लोगों की आवाज को दबाना है। उन्‍होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वे अपने चहेतों से कोर्ट में मनपसंद फैसले कराते हैं। इस देश में इस सरकार में वोट की कोई अहमियत नहीं रही है। पार्लिमामेंट वर्तमान में मजाक बन गई है। जज को भी सही काम करने से रोका जाता है। जो सरकार के खिलाफ उठकर सही काम करने की कोशिश करते हैं, उनको सजा के तौर पर नौकरियों से निकाला जाता है।

कुछ जज तो केवल सरकार के मनपसंद काम करने के लिए ही वहां पर बैठाए गए हैं। इस पर इन लोगों को सोचने की जरूरत है। सरकार कहती है कि दुनिया हम पर हंसती है। पूर्व पीएम ने कहा हमें कहीं न कहीं से तो शुरुआत करनी ही होगी। हम गूंगे बहरे बने हुए तो नहीं रह सकते। उन्‍होंने इमरान खान का नाम लिए बिना उन पर कई तरह के संगीन आरोप भी लगाए। नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्‍तान का ये दर्द भरा माहौल खत्‍म होना चाहिए। संविधान के दायरे में रहते हुए अपने हक के लिए लड़ना ही होगा। इसके लिए हम सभी को खड़ा होना होगा।