नई दिल्ली संसद के मॉनसून सत्र में पेगासस जासूसी मामले को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। पेगासस जासूसी कांड के मसले पर सरकार बुरी तरह घिरी हुई है। इसी जासूसी कांड पर संसद चल नहीं पा रही, विपक्षी हमलावर हैं। कांग्रेस की अगुवाई में कई विपक्षी पार्टियां इस मसले पर चर्चा चाहती हैं। विपक्षी एकता को दिखाते हुए मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता साइकिल पर सवार होकर संसद तक पहुंचे। विपक्षी एकता को मज़बूती देने के लिए इसी कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा सियासी दलों को नाश्ते पर बुलाया था। इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियां आपस में बहस कर सकती हैं। मंहगे पेट्रोल-डीज़ल के मसले पर हम सभी को आवाज़ उठानी चाहिए, हम यहां से संसद तक साइकिल मार्च कर सकते हैं। दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बुलावे पर विपक्षी नेताओं की बैठक हुई। इस मीटिंग में तृणमूल कांग्रेस, राजद, शिवसेना, समाजवादी पार्टी समेत अन्य कई दलों के नेता पहुंच गए हैं।

संसद के मॉनसून सत्र का जो समय बचा है, उसमें सरकार पर किस तरह हमला किया जाए उसको लेकर इस मीटिंग में मंथन हो रहा है। राहुल गांधी ने जिन सियासी दलों को बुलावा दिया था, उनमें से आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गायब हैं। इनका कोई भी नेता राहुल गांधी की बैठक में नहीं पहुंचा। राहुल गांधी की बैठक में कांग्रेस, राकांपा, राजद, शिवसेना, समाजवादी पार्टी सीपीएम, सीपीआई, सीपीआईएम, आईयूएमएल, आरएमपी, केसीएम, जेएमएम, नेशनल कांफ्रेंस दल शामिल हुए। विपक्ष की बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है, हमें सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी होगी। जैसे कोरोना पर चर्चा हुई है, वैसे ही पेगासस मसले पर चर्चा होनी चाहिए। गौरतलब है कि हाल ही में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली का दौरा किया था, जिसे 2024 से जोड़कर देखा गया और माना गया कि ममता बनर्जी खुद को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही हैं। ममता के दिल्ली आने के बाद बीच राहुल गांधी ने एक बार फिर कमान संभाली है। हाल ही में राहुल गांधी विपक्ष की कई बैठकों में शामिल हुए हैं, इनकी अगुवाई की है और सीधे बढ़कर प्रेस से वार्ता भी की है। इसी कड़ी में मंगलवार को सियासी दलों के लिए नाश्ते का प्रबंध किया गया। सरकार इस मुद्दे से खुद को बचाना चाह रही है, मगर इसी वक्त बीजेपी के सहयोगी जेडीयू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वो कह दिया, जो बीजेपी की बेचैनी बढ़ाने वाला है। नीतीश कुमार ने कहा है कि पेगासस जासूसी कांड की जांच होनी चाहिए, इससे पहले जातीय जनगणना पर भी नीतीश और तेजस्वी साथ-साथ नजर आ रहे हैं।