वाशिंगटन । कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने एक बार फिर वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ओमीक्रोन के खिलाफ वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर उठते सवालों के बीच फार्मा कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि उसकी कोविड-रोधी दवा ओमीक्रोन पर प्रभावी साबित हो रही है। फाइजर ने दावा किया उसकी कोविड-रोधी गोली कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन पर संतोषजनक रूप से प्रभावी है।

कंपनी ने कहा कि 2,250 लोगों पर किए गए अध्ययन के पूर्ण निष्कर्ष में इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी कोविड-रोधी गोली वायरस के खिलाफ पूरी तरह से प्रभावी है। कंपनी ने कहा कि कोविड-19 के शुरुआती लक्षणों के बाद उच्च जोखिम वाले वयस्कों को दी गई दवा से संयुक्त रूप से अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों में करीब 89 फीसदी कमी दर्ज की गई। फाइजर ने यह भी कहा कि प्रयोगशाला में अलग से किए गए परीक्षण में पाया गया है कि यह गोली वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ भी समानरूप से कारगर है, जैसा कि कई विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया था।

फाइजर ने मानव-निर्मित उस प्रमुख प्रोटीन के खिलाफ इस दवा का परीक्षण किया, जिसकी मदद से आमीक्रोन खुद को मजबूत करता है। दूसरी ओर इजरायल के खोजकर्ताओं ने पाया है कि फाइजर और बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन की तीन खुराकें ओमीक्रोन वेरिएंट से सुरक्षा देने में सक्षम हैं। शेबा मेडिकल सेंटर और स्वास्थ्य मंत्रालय की सेंट्रल वायरोलॉजी लैब ने यह अध्ययन किया है। इसके लिए रिसर्चर्स ने 5-6 महीने पहले वैक्सीन की दो खुराकें ले चुके 20 लोगों के खून की तुलना उन लोगों से की जिन्होंने करीब एक महीने पहले बूस्टर डोज लगवाया था।

शेबा में संक्रामक रोग इकाई की निदेशक गिली रेगेव-योचाय ने कहा कि जिन लोगों ने 5-6 महीने पहले दूसरी डोज ली थी, उनमें ओमीक्रोन के खिलाफ कोई सुरक्षा क्षमता नहीं देखी गई, हालांकि डेल्टा के खिलाफ उनमें कुछ हद तक सुरक्षा देखी गई। उन्होंने कहा कि अच्छी खबर यह है कि बूस्टर डोज से यह लगभग 100 गुना तक बढ़ सकती है। बूस्टर खुराक ओमीक्रोन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा दे सकती है।