सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :   नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के बजाय चीन की यात्रा करने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने इसे बेतुका बताया। काठमांडू टाइम्स के मुताबिक ओली 2 से 6 दिसंबर तक की आधिकारिक यात्रा पर चीन जा रहे हैं। भारत के बजाय पहले चीन जाने के फैसले पर उनकी आलोचना हो रही है।

नेपाल में यह परंपरा रही है कि जो नए प्रधानमंत्री बनते हैं, वह सबसे पहले भारत का दौरा करते हैं। इस परंपरा को तोड़ने के सवाल पर ओली ने कहा-

दरअसल ओली की यह टिप्पणी, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के एक इंटरव्यू के बाद आई है। प्रचंड ने ‘द हिंदू’ को हाल ही में एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि ओली भारत के बजाय चीन का दौरा कर ‘चीन कार्ड’ खेल रहे हैं।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नेपाली PM केपी शर्मा ओली। तस्वीर जुलाई 2021 की है। अब तक वे 3 बार प्रधानमंत्री के रूप में चीन जा चुके हैं।

ओली बोले- कर्ज मांगने चीन नहीं जा रहा ओली ने चीन की अपनी आगामी यात्रा की सफलता पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “मैं अचानक यात्रा नहीं कर रहा, वापस लौटने के बाद मैं खुद इसकी रिपोर्ट दूंगा।” उन्होंने कहा कि वे कर्ज मांगने के लिए चीन नहीं जा रहे। वे नेपाल की प्रोडक्टिविटी बढ़ाना चाहते हैं।

पिछले सप्ताह ओली ने भारत दौरे को लेकर कहा था कि-

भारत क्यों नहीं आ रहे ओली? ओली के करीबी सलाहकारों ने पिछले महीने काठमांडू पोस्ट से बताया था कि उन्हें उम्मीद थी कि भारत पहले की तरह नेपाल के नए प्रधानमंत्री को न्योता भेजेगा, लेकिन पद संभालने के चार महीने बीत जाने के बाद भी भारत से कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला। आमतौर पर नेपाल के प्रधानमंत्री को पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही नई दिल्ली से निमंत्रण मिलता है।

केपी शर्मा ओली फरवरी 2016 में पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर भारत आए थे। इस दौरान PM मोदी ने उनका स्वागत किया था।
केपी शर्मा ओली फरवरी 2016 में पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर भारत आए थे। इस दौरान PM मोदी ने उनका स्वागत किया था।

पहली बार PM बनने के बाद सबसे पहले भारत आए थे ओली केपी ओली पहली बार अगस्त 2015 में नेपाल के PM बने थे। इसके बाद उन्होंने फरवरी 2016 में भारत का दौरा किया था। एक महीने बाद मार्च में उन्होंने चीन की यात्रा की थी। ओली अब तक चार बार नेपाल के PM बन चुके हैं।

वे 2015 में 10 महीने, 2018 में 40 महीने और 2021 में तीन महीने तक पद पर रहे। ओली ने इस साल जुलाई में चौथी पर PM पद की शपथ ली थी।

हालांकि, ओली ने अपने पिछले कार्यकाल में कई भारत विरोधी कदम उठाए थे। उनके समय में ही नेपाल सरकार ने विवादित नक्शा जारी किया था। इसके अलाव उन्होंने कई भारत विरोधी बयान भी दिए थे। इस बार केपी शर्मा ओली को न्योता न भेजने के पीछे माना जा रहा है कि भारत की नेपाल को लेकर नीतियों में बदलाव आया है।

चीन के कर्ज पर एयरपोर्ट बनाया, अब लोन माफी की कर सकते हैं अपील काठमांडू पोस्ट ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि PM ओली यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ली कियांग से मुलाकात करेंगे। इस दौरान ओली की कोशिश होगी कि चीन सरकार नेपाल को दिया गया लोन माफ कर दे। चीन ने पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए नेपाल को करीब 17 हजार करोड़ का लोन दे रखा है।

रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 23 अगस्त को नेपाल के वित्तमंत्री बिष्णु पौडेल भी चीन से लोन को माफ करने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा था पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इतनी कमाई नहीं हो पा रही है, जिससे चीन को उसका कर्ज चुकाया जा सके।

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