सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: की चकाचौंध में सफलता की राह आसान नहीं होती, लेकिन योगेश त्रिपाठी उर्फ हप्पू सिंह ने इसे सच कर दिखाया। उत्तर प्रदेश के राठ से आने वाले योगेश ने संघर्ष भरे दिनों की शुरुआत 75 रुपए में नुक्कड़ नाटक करने से की थी। मुंबई में 4 रातें स्टेशन पर बिताईं, लेकिन अब उनके पास चार घर हैं।
संघर्ष की शुरुआत
योगेश के पिता फिजिक्स के लेक्चरर थे, जबकि मां को फिल्मों का शौक था। यही शौक योगेश के अंदर भी समा गया। अभिनय का जुनून लेकर मुंबई की ओर रुख किया, लेकिन वहां ठिकाना नहीं था। स्टेशन पर सोना पड़ा और पेट पालने के लिए छोटे-मोटे नाटक करने पड़े।
क्लोरोमिंट ऐड से मिली पहचान
योगेश की किस्मत तब चमकी जब उन्हें क्लोरोमिंट का ऐड मिला, जिससे उन्हें 35 हजार रुपए मिले। इस ऐड ने उन्हें टीवी इंडस्ट्री में एंट्री दिलाई। इसके बाद उन्होंने शो FIR और फिर भाबी जी घर पर हैं में काम किया, जहां उनका किरदार हप्पू सिंह मशहूर हो गया।
आज का स्टार, कल का संघर्षकर्ता
आज योगेश टीवी के सफल कलाकारों में गिने जाते हैं। अपनी मेहनत और संघर्ष से उन्होंने वो मुकाम हासिल किया, जहां एक वक्त वे मुंबई की ट्रेन को छूकर खुश होते थे। अब वे कॉमेडी के साथ-साथ सीरियस रोल करने की भी इच्छा रखते हैं।
मां को समर्पित सफलता
योगेश अपनी मां को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं, लेकिन उनके दिल में एक कसक है कि मां उनकी सफलता को देख नहीं सकीं। उनकी मां का निधन 1999 में हो गया था।
योगेश त्रिपाठी की यह कहानी साबित करती है कि संघर्ष के बिना सफलता की राह आसान नहीं होती, लेकिन मेहनत और धैर्य से मंजिल जरूर मिलती है।