सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : डिजिटल लेनदेन के बढ़ते चलन के बीच यूपीआई (Unified Payments Interface) पर भी ट्रांजेक्शन की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि, इसी के साथ यूपीआई नेटवर्क पर बार-बार रुकावटें और डाउनटाइम की समस्या भी देखने को मिल रही है, जिससे उपयोगकर्ताओं को लेनदेन करते समय परेशानी हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंकों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

NPCI ने यूपीआई एपीआई (Application Programming Interface) से जुड़े 10 महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिन्हें सभी बैंकों और यूपीआई ऐप प्रदाताओं को 31 जुलाई 2025 से पहले लागू करना अनिवार्य होगा। यूपीआई एपीआई बैंकिंग सिस्टम और यूपीआई नेटवर्क के बीच सुरक्षित और सुचारू डेटा एक्सचेंज को सक्षम करता है।

NPCI ने बैंकों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं से कहा है कि वे एपीआई कॉल की संख्या पर नियंत्रण रखें और उनके उपयोग की निरंतर निगरानी करें ताकि अनावश्यक और बार-बार कॉल न हों, जिससे सिस्टम पर लोड बढ़ता है और नेटवर्क में रुकावट आती है। इसके साथ ही, एपीआई कॉल पर ‘रेट लिमिट’ (Rate Limit) लगाई जाएगी ताकि नेटवर्क पर दबाव कम हो और डाउनटाइम की समस्या कम से कम हो।

इस कदम का उद्देश्य यूपीआई नेटवर्क को अधिक विश्वसनीय और तेज बनाना है, जिससे डिजिटल लेनदेन सुचारू और सुरक्षित हो सकें। यूपीआई का उपयोग लाखों भारतीयों द्वारा दैनिक रूप से किया जाता है, इसलिए NPCI की यह पहल डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगी।

#UPI #NPCI #डिजिटल_लेनदेन #UPI_रुकावट #नेशनल_पेमेंट_कॉरपोरेशन #डिजिटल_भारत #UPI_एपीआई #लेनदेन_समस्या #UPI_नेटवर्क #बैंकिंग