भोपाल । सत्र 2021-22 से उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति लागू कर दी। बीए, बीकाम और बीएससी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का मूल्यांकन अब नए मार्किंग पद्धति से किया जाएगा। दिवाली बाद विभाग मार्किंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी करेगा। उसके आधार पर 80 मेजर-माइनर विषय के पेपर की मार्किंग निर्धारित होगी।
गाइडलाइन का बेसब्री से इंतजार करने में लगा है, क्योंकि उन्हें रिजल्ट से जुड़ा साफ्टवेयर भी नई पद्धति के हिसाब से बनाना है। अधिकारियों के मुताबिक मेजर विषयों को 60-75 और माइनर विषय 50 अंक तक हो सकते है। यहां तक 7-8 प्रश्न होंगे। इनका प्रारूप भी गाइडलाइन में तय होगा।
तीन तरह की मार्किंग
यूजी कोर्स में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को सालभर में करीब 10 विषय पढ़ाना होंगे, जिसमें पांच मुख्य, तीन मेजर और दो माइनर का चयन करना है।उसके आधार पर तीन प्रकार से मार्किंग होगी। सूत्रों के मुताबिक मुख्य परीक्षा और असाइनमेंट में अलग-अलग मार्किंग होगी। यहां तक प्रत्येक विषय की मार्किंग भी निर्धारित होगी, जिसमें 50-75 नंबर के पेपर होंगे। गाइडलाइन के आधार पर विश्वविद्यालय को अपना-अपना मार्किंग पद्धति का प्रारूप बनाना होगा। यह काम जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है।
दिसंबर में चुनना होंगे विषय
प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को मेजर-माइनर विषय चुनना है। इसके लिए विभाग दिसंबर तक लिंक खोलेगी। प्रत्येक विद्यार्थियों को अपने पसंदीदा विषय बताना है। उसके आधार छात्र-छात्राओं की परीक्षा करवाई जाएगी। बाद में कालेजों को अपने-अपने विद्यार्थियों का डाटा विश्वविद्यालय को भेजना होगा।
वैकल्पिक और विषयात्मक होंगे प्रश्न
नई शिक्षा नीति के मुताबिक प्रश्न पत्रों में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया जाएगा। पहले की तरह अब भी प्रश्न पत्र में वैकल्पिक और विषयात्म प्रश्न रहेंगे। बस इनकी संख्या बढ़ाई या घटाई जा सकती है। इसे लेकर स्थिति गाइडलाइन आने पर स्पष्ट होगी। बीएससी और बीकाम में वैकल्पिक प्रश्न अधिक हो सकते है।