भोपाल। परिवहन विभाग ने प्रदेश में फेस लेस लर्निंग लाइसेंस की सुविधा शुरू की है। इस व्यवस्था में शीघ्र नया बदलाव होने वाला है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पूछे गए सवालों के जवाब यदि दूसरे व्यक्ति ने दिए तो लाइसेंस नहीं बनेगा। लाइसेंस बनाने वाले व्यक्ति की ट्रेकिंग की व्यवस्था की जा रही है। फेस लेस लर्निंग लाइसेंस की जानकारी भरते वक्त व सवालों के जवाब देते समय कैमरे के सामने आनलाइन रहना होगा। यदि इसमें किसी दूसरे का फेस दिखता है तो लाइसेंस नहीं बनेगा।
फेस लेस लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की है। इस प्रक्रिया को पूरा करने पर ही लाइसेंस प्राप्त होता है। लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले को यातायात नियमों से जुड़े 20 प्रश्नों के जवाब देने होते हैं। इनमें से 12 प्रश्नों के सही उत्तर देने होते हैं। यदि इससे कम उत्तर सही होते हैं तो उसका लाइसेंस नहीं बनेगा। प्रदेश में तीन से 11 अगस्त के बीच 2800 लोगों ने 12 प्रश्नों के उत्तर सही नहीं दिए थे, जिसके चलते उनके लाइसेंस जारी नहीं हुए थे। इसके बाद लोगों ने फेस लेस लाइसेंस प्रक्रिया से ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कंप्यूटर आपरेटरों का सहारा लेना शुरू कर दिया था। आधार व ओटीपी देने के बाद पूरा कार्य कंप्यूटर आपरेटर करने लगे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए विभाग ट्रेकिंग की व्यवस्था करने जा रहा है। इसमें यह पुष्ट किया जाएगा कि जिस व्यक्ति का लाइसेंस बन रहा है, वही सवालों के जवाब दे रहा है या कोई दूसरा।
लाइसेंस के लिए ओटीपी व आधार जरूरी
फेस लेस लाइसेंस के लिए मोबाइल पर आने वाला ओटीपी जरूरी है। ओटीपी उसी नंबर आएगा, जो आधार कार्ड में दर्ज है। आधार कार्ड के जरिए लर्निंग लाइसेंस का आधा फार्म स्वत: भर जाता है। आधार की जानकारी में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।
यह है लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया
आवेदक को वेबसाइट ओपन कर आनलाइन सर्विस मेन्यू के अंतर्गत ड्राइविंग लाइसेंस सर्विस का चयन करना होगा। इसमें सारथी सर्विस पोर्टल के होम पेज पर जाकर लर्निंग लाइसेंस का चयन करना होगा। लर्निंग लाइसेंस अप्लाई करने के लिए दो आप्शन आएंगे- एप्लीकेंट होल्ड आधार व एप्लीकेंट डज नोट होल्ड आधार। इसमें एप्लीकेंट होल्ड आधार को सिलेक्ट करना है। इस पर आधार नंबर दर्ज करने के बाद मोबाइल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद फॉर्म में अन्य जानकारी भरनी होगी। लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के लिए एसएमएस के माध्यम से पासवर्ड प्राप्त होगा। 60 फीसदी प्रश्नों के उत्तर देने के बाद लाइसेंस जनरेट हो जाएगा। 20 प्रश्नों का फारमेट दिया गया है, इसमें यातायात नियमों से जुड़े प्रश्नों में से 12 के सही जवाब देना होंगे। जो आवेदक फेस लेस लाइसेंस की इस प्रोसेस को पूरा कर लेगा, उसे ही लाइसेंस प्राप्त होगा।
इनका कहना है
जिस व्यक्ति का लाइसेंस बन रहा है, वही व्यक्ति प्रश्नों के जवाब दे रहा है या नहीं, इसके लिए फेस ट्रेकिंग की व्यवस्था की जा रही है। इसे लागू करने की दिशा में कार्य चल रहा है।
मुकेश कुमार जैन, आयुक्त परिवहन विभाग