भोपाल । राज्य शासन द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद अब 10 के बजाय 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को कंपाउंडिंग टैक्स देकर वैध करवाया जा सकेगा। इससे भोपाल की 20 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी नियमितीकरण के दायरे में आ जाएंगी। इनमें 12 हजार से ज्यादा व्यक्तिगत मकान या बंगले हैं, जहां कहीं न कहीं किसी तरह का नक्शे के विपरीत निर्माण होता है। 8 हजार मल्टियां भी इस नियम का लाभ ले सकेंगी। नोटिफिकेशन के मुताबिक अवैध निर्माण से बिल्डिंग का स्ट्रक्चर खतरनाक होता है या फिर फायर सेफ्टी के हिसाब से गलत है तो 30 प्रतिशत कंपाउंडिंग का फायदा नहीं मिलेगा।
इस तरह लिया जाता है कंपाउंडिंग शुल्क
यह दो तरह से लागू होता है। पहला तो बिल्डिंग परमिशन फीस का पांच गुना वसूला जाता है। दूसरा किए गए अधिक निर्माण के बराबर भूमि की कलेक्टर दर का 5 प्रतिशत आवासीय के केस में और 6 प्रतिशत गैर आवासीय के केस में।
ऐसे वैध होगा 30 प्रतिशत तक का निर्माण
किसी प्लॉट पर बिल्डिंग परमिशन से अधिक निर्माण कर लिया, लेकिन वह उस प्लॉट पर मिलने वाले एफएआर की सीमा के अंदर है तो बिल्डिंग परमिशन की पांच गुना राशि देकर 10 प्रतिशत तक अधिक निर्माण को वैध कराया जा सकता है। निर्धारित एफएआर या एमओएस से अधिक निर्माण कर लिया है तो निर्धारित गाइडलाइन की 5 प्रतिशत राशि चुकाकर 10 प्रतिशत निर्माण वैध होता था, जो अब 30 प्रतिशत तक हो सकेगा।
वैधता के लिए होगी कुछ शर्तें भी
अवैध निर्माण वैध करने के लिए कुछ शर्तें भी बनाई गई हैं। आग लगने के बाद बुझाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं तो भी उस हिस्से की कंपाउंडिंग नहीं होगी। बिल्डिंग पर्यटन महत्व की दृष्टि से संवेदनशील श्रेणी में है तो कंपाउंडिंग नहीं होगी। किसी नाले या जल धारा के बीच वह अवैध हिस्सा न आता हो। नदी किनारे से 30 मीटर या ऐसी और अतिरिक्त दूरी के अंदर बिल्डिंग नहीं आती है तो ही अवैध हिस्सा वैध हो सकेगा।
इनका कहना है
नए एक्ट से हजारों लोगों को राहत मिलेगी। अधिकारियों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित होगी। अफसर समय पर कार्रवाई नहीं करते या अवैध निर्माण को बढ़ावा देते हैं तो तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। इससे सिस्टम में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ेगी।