दुबई । संयुक्‍त अरब अमीरात में रह रहे गैर मुस्लिमों को शरिया कानून से मुक्ति मिली गई है। यूएई के अबूधाबी में गैर मुस्लिमों को नए सिविल लॉ के मुताबिक शादी करने, तलाक देने और बच्‍चे की संयुक्‍त कस्‍टडी हासिल करने का अधिकार मिल जाएगा। यूएई के शासकों की ओर से जारी नए आदेश में इसकी अनुमति दी गई है। देश की सरकारी एजेंसी ने यह जानकारी दी है। माना जा रहा है कि अबूधाबी ने खाड़ी देशों में व्‍यवसायिक हब बन रहे अन्‍य क्षेत्रों पर प्रतिद्वंदिता में बढ़त हासिल करने के लिए यह नया आदेश जारी किया है।

अभी तक अबू धाबी में शादी और तलाक पर कानून अन्‍य खाड़ी देशों की तरह से इस्‍लामिक शरिया कानून पर आधारित थे। अबूधाबी के शेख खलीफा बिन जायद अल नहयान की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह सिविल मैरिज, तलाक, गुजारा भत्‍ता, बच्‍चों की संयुक्‍त कस्‍टडी, पितृत्‍व का सबूत और उत्‍तराधिकार सभी को समाहित करता है।

अल नहयान यूएई के सातों अमीरात के संघ के अध्‍यक्ष हैं। यूएई की सरकारी एजेंसी ने बताया कि इस नए कानून का मकसद अपनी स्थिति को मजबूत करना और वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा में योग्‍य और कुशल लोगों के लिए खुद को पसंदीदा ठिकाने के रूप में विकसित करना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-मुस्लिम परिवारों के लिए सिविल लॉ अपनी तरह का पहला है जो अंतरराष्‍ट्रीय मान्‍यताओं पर आधारित है।

गैर-मुस्लिम परिवारों के विवादों का समाधान करने के लिए एक नई अदालत का गठन अबूधाबी में किया जाएगा। यह अदालत अंग्रेजी और अरबी में काम करेगी। इससे पहले पिछले साल ही यूएई ने संघीय स्‍तर पर कई कानूनी बदलाव किए थे।

इसमें शराब का सेवन, आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी से हटाना और झूठी शान के नाम पर हत्‍या में नरमी बरतना शामिल है। विशेषज्ञों का कहना कि लंबे अवधि का गोल्‍डन वीजा और ये कानून यूएई की ओर से खुद को विदेशी निवेश, पर्यटन और लंबे समय तक रहने के लिए पसंदीदा ठिकाना बनाने हेतु एक बड़ा प्रयास है।