सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) भोपाल में ‘अनुत्तर – क्राफ्टिंग एक्सीलेंस’ इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण क्राफ्ट बाज़ार था 8 फरवरी को तक आयोजित किया जायेंगा । इस बाज़ार में 28 स्टॉलें लगीं, जहाँ कारीगरों ने अपने हाथों से बनीं सुंदर चीज़ें दिखाईं।
क्राफ्ट बाज़ार में चंदेरी, महेश्वर, वाराणसी, चंपा, भैरवगढ़, नागीना, नीमज और फर्रुखाबाद जैसे मशहूर जगहों से 45 से ज़्यादा कारीगर आए थे। उन्होंने बनारसी, चंदेरी, महेश्वरी कपड़े, ब्लॉक प्रिंट, बाटिक, जरदोजी, लाख शिल्प, टेराकोटा, नंदना प्रिंट और आभूषण शिल्प जैसी अपनी पारंपरिक कलाओं का शानदार प्रदर्शन किया।


इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक, प्रोफेसर अमिताभ पांडे ने इस भव्य क्राफ्ट बाज़ार का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा, “हमारा संग्रहालय जीवंत संस्कृति को दिखाता है और हमें अतीत से जोड़ता है। फैशन की शुरुआत भी इसी परंपरा से हुई थी, बिना किसी भेदभाव के। क्राफ्ट सिर्फ विरासत नहीं, बल्कि आज के समय का व्यापार और उद्यमिता का महत्वपूर्ण स्तंभ भी है।” उन्होंने राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला को सहयोगात्मक रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे कारीगरों को ज्ञान, व्यापार, इंटर्नशिप और फेलोशिप के अवसर मिल सकें।

उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे केवल हस्तशिल्प की सराहना ही न करें, बल्कि इसे खरीदकर और प्रचारित कर कारीगरों को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाएं। निफ्ट भोपाल में चल रहे “अनुत्तर – क्राफ्टिंग एक्सीलेंस” कार्यक्रम में बांस शिल्पकार भारत कटारिया छात्रों को बांस से बने उत्पाद बनाना सिखा रहे हैं। उन्होंने बताया, “बच्चे बांस शिल्प में रुचि ले रहे हैं और प्लास्टिक की जगह इसे अपनाने के लिए जागरूक हो रहे हैं।”
कार्यशाला में बांस से चूड़ियाँ, स्टैंड और अन्य हस्तशिल्प बनाने के साथ, गोबर से उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग भी दी गई। स्टेट अवार्डी धर्मेंद्र रोहर ने छात्रों को पारंपरिक तकनीकों से परिचित कराया। कटारिया ने कहा, “छात्र खुद नए आइडिया ला रहे हैं, जो पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।”
दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा ज़हाबिया , जो स्टॉल की प्रतिनिधि थीं, ने बताया, “हमने लकड़ी पर नक्काशी, रेज़िन आर्ट, ऐक्रेलिक और ऑयल पेंटिंग जैसी विभिन्न कलाओं को प्रदर्शित किया है। हमें इस आयोजन का हिस्सा बनकर बेहद खुशी हो रही है। यह न केवल हमारे लिए एक शानदार अनुभव है, बल्कि हमें अपनी कला को साझा करने का अवसर भी देता है। हमें उम्मीद है कि लोग हमारे शिल्प का आनंद लेंगे और इस कला में गर्व महसूस करेंगे।”
गुंजन भगत, टेक्सटाइल डिजाइन (TD) विभाग की छात्रा, ने बताया कि यह आयोजन कारीगरों और छात्रों के बीच एक रचनात्मक मंच प्रदान करता है। “हम हर साल विभिन्न राज्यों के कारीगरों को बुलाते हैं। इस बार चंदेरी, महेश्वरी, नीमच और वाराणसी से कारीगर आए हैं,” इस वर्ष निफ्ट ने DPS स्कूल के साथ सहयोग किया, जहाँ छात्रों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। यह पहल छात्रों को हस्तशिल्प की महत्ता समझाने और भारतीय शिल्पकारों को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।
क्राफ्ट बाजार में 8 फरवरी को एक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी इसमें भाग ले सकते हैं। पंजीकरण मौके पर ही होगा। प्रतियोगिता का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक है। सभी को प्रमाण पत्र तथा विजेताओं को पुरस्कार मिलेंगे। पुरस्कार वितरण शाम 5 बजे होगा।
‘अनुत्तर’ कार्यक्रम भारतीय हस्तशिल्प को दुनिया भर में पहचान दिलाने की दिशा में एक अहम कदम था, जिससे कला को सुरक्षा के साथ-साथ व्यापार में भी पहचान  मिल  सके  |

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