लंदन । चूहे, गिलहरी जैसे जीव कोरोना की तरह वायरस के वाहक हो सकते हैं। अगली महामारी चूहों से आ सकती है। ऐसी चेतावनी दी है  विशेषज्ञों ने। प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने बताया कि कई जीवों के जिनो‎मिक अध्ययन किए गए हैं। इसमें इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि कुछ चूहे जैसी प्रजाति के जीव पहले भी सार्स जैसे कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

इससे उन जीवों में कुछ रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो गई है।सार्स-कोव-2 वायरस की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण होता है जो पशुजन्य है। इसका मतलब यह हुआ कि कोरोना वायर पशुओं से इंसानों में आया है। इससे पहले एक अन्य शोध में पता चला था कि चीनी चमगादड़ों में कई तरह के SARS जैसे वायरस रह सकते हैं। चमगादड़ों के अंदर इसके लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं।

उन्होंने कहा कि इस तरह के वायरस के अंदर कुछ रोग प्रतिरोधक क्षमता है जो भविष्य में किसी महामारी को रोकने के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस शोध को प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के मोलेक्यूलर बॉयोलॉजिस्ट सीन किंग और कंप्यूटर वैज्ञानिक मोना सिंह ने अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा शोध बताता है कि प्राचीन चूहों में सार्स जैसे कोरोना वायरस का कई बार संक्रमण हो चुका है। इससे उनके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण हो गया है।

शोधकर्ताओं ने विभिन्न जीवों के एसीई2 रिसेप्टर का भी शोध किया जिसका इस्तेमाल सार्स वायरस कोशिकाओं के अंदर प्रवेश करने के लिए करते हैं। बता दें कि पशुओं से पैदा होने वाली बीमारियां एक प्रजाति से दूसरे प्रजाति में आसानी से चली जाती हैं। इसके जीवाणु दूसरी प्रजाति के जीवों में घुसकर भी जिंदा रहते हैं। हालांकि वे पहले जीव के मुकाबले दूसरे जीव में जाकर कम खतरनाक हो जाते हैं।