ITDC News, भारत/ रिपोर्ट – अनुराग पांडेय : अमेरिकी ने दिया था मानवधिकार को लेकर भारत को ज्ञान, जवाब मे विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा – हम भी अमेरिका मे मानवधिकार की स्थित को लेकर नज़र बनाये हुए है। अमेरिकी नसीहत पर भारतीय विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने काफी अच्छा पलटवार करते हुए कहा की “अमेरिका में मानवाधिकार के मुद्दों पर हम भी नजर बनाये हुए हैं। सब देशों के हमारे लिए अलग-अलग नजरिये हो सकते है। हमारे भी उन देशों के लिए अलग नज़रिये है” । विदेश मंत्री एस जयशंकर का ये बयान उनकी अमेरिकी यात्रा के दौरान पत्रकार वार्ता के वक़्त आया है और इस बयान ने भारत-अमेरिका के रिश्तों मे रूस-युक्रेन युद्ध के बाद वर्तमान मे आई तलखियो को उजागर कर दिया है। अमेरिका पिछले बहुत दिनों से भारत के रूस से तेल आयात को बंद करने को कह रहा है परंतु भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का इस मामले मे कहना है की “ यदि आप रूस से भारत की ऊर्जा खरीद पर बात करना चाहते हैं तो मेरा सुझाव है कि आपको यूरोप पर ध्यान देना चाहिए। हम अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी ऊर्जा को
थोड़ी मात्रा में वहां से आयात करते हैं। लेकिन आप आंकड़ों को देखिए, हम जितना एक महीने में रूस से तेल नहीं खरीदते, उससे कहीं अधिक तेल यूरोप एक दोपहर मे खरीद लेता है”।

दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं विदेश मंत्री एस जयशंकर के अमेरिकी दौरे के दौरान एक प्रोग्राम मे
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि “अमेरिका भारत में हुईं कुछ हालिया घटनाओं पर नजर रख रहा है। भारत में कुछ राज्यों, पुलिस और जेल के अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन में वृद्धि हुई है। अगले दिन एक पत्रकार वार्ता मे भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कड़क जवाब देकर अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन का मुंह बंद कर दिया।
अमेरिका के विदेश मंत्री के यह कहने पर की हमने भारत में हो रहे मानव अधिकार के उल्लंघन पर नजर रखी हुई है के जवाब में जब भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर जी ने जवाब दिया तो एक भारतीय होने के नाते यह प्रतीत हुआ की , भारत आज वो भारत है जो अमेरिका जैसा बड़े अर्थव्यवस्था वाले देश के आगे झुकने वाला नहीं है। भारत आज एक नई अर्थव्यवस्था व जोश के साथ उभर रहा था। जहा पूरी दुनिया रूस और यूक्रेन में हो रहे युद्ध और उस युद्ध के दुष्परिणाम से प्रभावित हो रही है। वही भारत आज रूस से ऊर्जा सुरक्षा के लिए तेल भी खरीद रहा है और यूक्रेन की दवाइयों से मदद भी कर रहा है और तो और भारत कभी इस युद्ध के पक्ष में नहीं था। भारत ने रूस-युक्रेन के बीच हमेशा बातचीत को ही विकल्प बताया है। भारत ने कभी इस युद्ध को आगे बढ़ाने के पक्ष में काम नही किया है।

भारत से जब भी किसी देश ने अपना पक्ष साफ करने को बोला है। तब भारत ने हर बार यह जवाब दिया है की हमारा पक्ष साफ है। हम युद्ध के पक्ष मे नही है। वही पर जब भारत के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री अमेरिका गए हुए थे। तब वहा 2+2 वार्ता में अमेरिका के रक्षा मंत्री ब्लिंकन के तीखे तेवरों वाले सवाल सुनकर भयभीत नही हुए और उनका बेझिझक उत्तर दिया। विदेश मंत्री जयशंकर का कहना साफ था की अगर अमेरिका भारत को किसी भी राजनीतिक या फिर देश के अंदरूनी मामलों में अपना पक्ष रखता है तो इससे पहले उसको अपने गिरेबान मे झाकना चाहिए। गौरतलब है की पिछले कुछ समय अमेरिका के लिए काफी अच्छा नही रहा हैं। फिर चाहे वो अफ़्ग़ानिस्तान हो या युक्रेन। अमेरिका को अब समझना होगा की वो सब देशों को अपने हित साधने के लिए उन देशों के हितों को नज़रंदाज़ नही कर सकता। सब देशों को भी समझना होगा की उनको सबसे पहले अपने देश के हितों पर ध्यान देना होगा।

भारत अब वो भारत नही जो अमेरिका की हर बात मानता था। नया भारत अब सबसे पहले अपने देश हितों को सर्वोपरि रखेगा और यही बात अमेरिका में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साबित भी की है और अब अमेरिका को को भी यह समझना होगा की वो किसी देश को अपनी बात मनवाने के लिए जबरदस्ती नही कर सकता है। अब आने वाले समय मे देखना ये होगा की भारत-अमेरिका मे और क्या बदलाव आता है।