सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत नेहरू युवा केंद्र रायसेन व रविंद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी भोपाल की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा विधि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय आस पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जिसमें 10 चुनिंदा युवाओं ने अमृत काल के पंच प्रण व विकसित भारत की संकल्पना 2047 पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नेहरू युवा केंद्र संगठन भोपाल के राज्य निदेशक सुरेंद्र शुक्ला, विशिष्ट अतिथि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की प्रो चांसलर अदिति चतुर्वेदी, सारस्वत अतिथि उप निदेशक अरविन्द श्रीधर व रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति रजनी कांत ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। सुरेन्द्र शुक्ला ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना वह यज्ञ है जिसमें देश के प्रत्येक युवा को आहुति देकर इस संकल्पना को साकार करना है।

नेहरू युवा केंद्र व राष्ट्रीय सेवा योजना के रूप में भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी संगठित युवा शक्ति है। इस युवा शक्ति को विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने हेतु आगे आना चाहिए। प्रो चांसलर अदिति चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता और संस्कृति है, परंतु पाश्चात्यीकरण ने इसके मूल स्वर का अतिक्रमण किया है। इसलिए आज हम अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति का मूल स्वभाव लगभग सभी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है।

इसका आत्मसातीकरण ही गुलामी के हर अंश से मुक्ति है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रजनीकांत ने कहा कि आज हर कोई अपने अधिकारों की बात तो करता है परंतु कर्तव्यों की ओर ध्यान नहीं देता है जबकि राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य बोध की भावना ही सच्चे नागरिक होने की पहचान है।

विशिष्ट अतिथि श्री अरविन्द श्रीधर ने कहा कि आस पड़ोस युवा सांसद युवाओं में नेतृत्व की भावना का विकास करने वाला कार्यक्रम है इसके माध्यम से जिले के दूरदराज के गांव से उन युवाओं को चुना जाता है जो देश की वर्तमान समस्याओं को समझ कर उनके समाधान में सहभागी बन सकते हैं। नेहरू युवा केन्द्र युवाओं को इस तरह के अनेक अवसर उपलब्ध कराता है। इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन कार्यक्रम अधिकारी गब्बर सिंह ने व आभार ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक सुश्री माधवी पाटकर ने किया। कार्यक्रम के अंत में युवा वक्ताओं को प्रमाणपत्र व ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।