सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड- न्यूज़ भोपाल: नीट-यूजी पेपर लीक केस में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है। इससे ठीक पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पटना एम्स के चार डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। इसमें तीन छात्र 2022 बैच के और एक 2023 बैच का है। इन्हें बुधवार की देर रात हिरासत में लिया गया। हालांकि, सीबीआई ने इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सीबीआई ने डॉक्टरों के कमरे सील कर दिए हैं और उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं।
डॉक्टरों को हिरासत में लेने से एक दिन पहले, सीबीआई ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र चोरी करने के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया था। पंकज कुमार और राजू सिंह नाम के आरोपियों को बिहार के पटना और झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया था। पंकज कुमार पेपर लीक माफिया गैंग का हिस्सा है और उसने राजू की मदद से नीट-यूजी के प्रश्नपत्र चुराए थे। अधिकारियों के मुताबिक, पटना की एक विशेष अदालत ने पंकज कुमार को 14 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया, जबकि राजू को 10 दिन की हिरासत में भेजा गया।
आज सुप्रीम कोर्ट विवादित मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। 11 जुलाई को भी सुनवाई हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और NEET-UG 2024 के संचालन में कथित गड़बड़ियों की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं की सुनवाई आज तक के लिए स्थगित कर दी थी। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि केंद्र और NTA की ओर से कुछ पक्षों को तब तक जवाब नहीं मिले थे।
8 जुलाई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि NEET-UG 2024 की पवित्रता का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट ने कहा था कि अगर पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। पीठ ने NTA और CBI से कथित पेपर लीक के समय और तरीके सहित तमाम विवरण मांगा था।
केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि आईआईटी-मद्रास द्वारा आयोजित नीट-यूजी 2024 के नतीजों के डेटा विश्लेषण से पता चला है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है। हलफनामे में कहा गया है कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर चार राउंड में आयोजित की जाएगी। इसी तरह एनटीए की तरफ से भी हलफनामा दायर किया गया है।
आज भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ नीट-यूजी विवाद के संबंध में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।