सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : नीरजा बिड़ला और माधुरी दीक्षित ने मानसिक स्वास्थ्य नेताओं को किया सम्मानित

माइंड्स समिट 2025 में, आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट (ABET) की संस्थापक और चेयरपर्सन नीरजा बिड़ला और प्रसिद्ध अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया। यह आयोजन ABET के तहत Mpower द्वारा आयोजित किया गया था।

सम्मानित व्यक्तित्व और संस्थाएँ

इस वर्ष जिन व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया गया, वे हैं:

Policybazaar – डिजिटल वॉयस फॉर चेंज

The Banyan – इम्पैक्टफुल आउटरीच कैंपेन

ऋषभ ऋखिराम शर्मा और सनी कुमारी – आर्ट के माध्यम से उपचार

आईआईटी गुवाहाटी और जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर यूनिवर्सिटी – मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले शैक्षिक संस्थान

डॉ. सिड वारियर और निखिल तनेजा – युवा मानसिक स्वास्थ्य स्टार्स

इनका योगदान डिजिटल एडवोकेसी, जमीनी स्तर पर जागरूकता, कला के माध्यम से मानसिक उपचार, और संस्थागत मानसिक स्वास्थ्य पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे भारत के मानसिक स्वास्थ्य परिदृश्य को नया आकार मिल रहा है।

नीरजा बिड़ला और माधुरी दीक्षित का संदेश

नीरजा बिड़ला ने माधुरी दीक्षित की उपस्थिति पर आभार व्यक्त करते हुए कहा:

“मानसिक स्वास्थ्य एक मूलभूत अधिकार है, कोई विशेषाधिकार नहीं। अब चर्चा का समय समाप्त हो चुका है—अब कार्रवाई करने का समय है। इन बदलाव लाने वालों को पहचानना बेहद जरूरी है क्योंकि उनका कार्य भारत के मानसिक स्वास्थ्य के भविष्य को आकार दे रहा है। ‘विकसित भारत 2047’ को साकार करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्व देना होगा।”

माधुरी दीक्षित ने इस विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा:

“नीरजा बिड़ला द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए अद्भुत कार्यों को देखना वास्तव में प्रेरणादायक है। मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य और इसे उचित ध्यान देने की आवश्यकता है। सभी बदलाव लाने वालों को बधाई और हर देखभाल करने वाले को धन्यवाद! एक ऐसा संसार जहाँ हर किसी को सही मायने में सुना जाए, वहाँ कोई अकेले पीड़ा नहीं सहता।”

वैश्विक विशेषज्ञों की भागीदारी और नई पहलों की शुरुआत

समिट में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, और मेंटल हेल्थ फर्स्ट एड (MHFA) ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों सहित प्रमुख मनोचिकित्सकों और नीति-निर्माताओं ने भारत के युवाओं में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों पर चर्चा की।

इस दौरान Mpower रिसर्च रिपोर्ट “Unveiling the Silent Struggle” लॉन्च की गई, जिसमें छात्रों में बढ़ती शैक्षिक चिंता, सामाजिक अलगाव, और नींद संबंधी विकारों जैसी चिंताजनक प्रवृत्तियों को उजागर किया गया।

इसके अलावा, ग्लोबल मेंटल हेल्थ कंसोर्टियम की भी शुरुआत की गई, जो नीतिगत सुधार, वित्तीय सहायता और सतत मानसिक स्वास्थ्य संरचनाओं को मजबूत करने के लिए एक क्रॉस-सेक्टर पहल है।

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