आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अनुभवी एक्ट्रेस नीना गुप्ता की फिल्म ‘मस्त में रहने का’ आज यानी की 8 दिसंबर को डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज होगी। इस फिल्म में उनके साथ जैकी श्रॉफ बतौर लीड नजर आ रहे हैं। बता दें, फिल्म की कहानी दो अलग-अलग इंसानों के जीवन जीने के अलग-अलग दृष्टिकोण के इर्द-गिर्द है।
नीना गुप्ता की मानें तो रियल लाइफ में ‘मस्त में रहने का’ का मतलब उनकी फिल्म से काफी अलग है। हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, नीना ने इस फिल्म से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें शेयर कीं। बातचीत के दौरान, उन्होंने अभिनेत्री रकुलप्रीत को अपनी इंस्पिरेशन भी बताया। बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:
कई बार एक्टिंग छोड़ने का सोचती लेकिन फिर भी टिकी रही
एक दौर था जब मेरे पास काम नहीं था, मेरे लिए अभी के मुकाबले उस वक्त मस्त में रहना आसान था। उस वक्त मेरे पास एम्बिशन था, काम मिलने के प्रति पैशन था। सामने वालों को अट्रैक्ट करने के लिए मैं खुद पर काफी मेहनत करती थी। उम्मीद होती थी कि कभी न कभी काम मिलेगा।
उस वक्त मैं अपने करियर को संभालने के लिए इतना सब कुछ करती थी कि डिप्रेशन का वक्त ही नहीं था। कई बार एक्टिंग फील्ड छोड़ने का सोचती लेकिन इस सोच के बावजूद टिकी रही। लेकिन अब इस उम्र में चीजें आसान नहीं। सच कहुं तो हकीकत में उम्र के इस पड़ाव में मस्त रहना बहुत मुश्किल होता हैं।
रियल लाइफ में मैं नॉन-सोशल हूं
ऐसा नहीं है कि मुझे लोग पसंद नहीं लेकिन मुझे सोशली एक्टिव रहना पसंद नहीं। जैसे, मैं कपड़े खरीदती हूं लेकिन वो यूं ही रखे रहते हैं। मैं अपना पर्सनल स्टाइलिस्ट नहीं रखती क्योंकि मेरे पास इतने कपड़े हैं कि मैं अपनी स्टाइलिंग खुद ही करती हूं। वैसे, मैं ज्यादा कहीं जाना पसंद भी नहीं करती। मैं बहुत नॉन-सोशल व्यक्ति हूं।
रकुलप्रीत से काफी मोटिवेट होती हूं
प्रोफेशनल कमिटमेंट के बीच खुद के लिए वक्त निकालना मुश्किल है पर करना तो पड़ेगा ही। मैं रकुलप्रीत से काफी मोटिवेट होती हूं। मैंने देखा है कि वह अपने बिजी शेड्यूल में भी सुबह योग करने के लिए वक्त निकाल लेती हैं। यदि वो कर सकती हैं तो मैं क्यों नहीं? मैंने भी अब जल्दी उठकर योग करना शुरू कर दिया।
मैं हमेशा अपने साथ जूते लेकर चलती हूं। शूटिंग के बीच जब भी मौका मिलता है तो वहीं टहलना शुरू कर देती हूं।आज की यंग जनरेशन मुझे प्रेरित करती है।
अलग-अलग जॉनर्स का हिस्सा बनना चाहती हूं
आज भी मुझे खुद को प्रूव करने का चैलेंज रहता है। एक एक्शन मूवी करने वाली थी लेकिन वह दुर्भाग्य से ऐसा हुआ नहीं। उसी तरह, दिवंगत सतीश कौशिक की फिल्म होने वाली थी जिसमें मुझे लाठी चलाना था, वो भी नहीं हो पाई। वैसे एक्शन, रोमांस, थ्रिलर, म्यूजिकल जैसी कई शैलियों का हिस्सा बनना चाहती हूं।