नई दिल्ली । पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों ने यहां का सियासी पारा भी गर्मा दिया है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पवित्र स्थल पर बेअदबी के प्रयास की कठोर निंदा करते हुए कहा कि आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। राज्य कांग्रेस प्रमुख मलेरकोटला में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी ताकतें पंजाब में शांति को भंग करने की कोशिश में लगी हुई हैं। यह ऐसा समय है जब हमें एकता दिखानी होगी क्योंकि कट्टरपंथी ताकतें हमारी एकता को भंग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जब भी देश में एक धर्म तो उच्च दिखाया जाता है और दूसरे धर्म को निम्न दिखाने की कोशिश होती है तो पंजाब हमेशा इसका विरोध करता है।

सिद्धू ने कहा कि पंजाब का हर एक नागरिक समान है। अगर किसी भी तरह से बेअदबी की घटना होती है फिर चाहे वह गुरु ग्रंथ साहिब की हो, गीता की हो या फिर कुरान की हो उसमें शामिल दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना और उनके पति और पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के साथ, कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘अमृतसर में हुई यह घटना एक समुदाय को खत्म करने की साजिश’ थी,

लेकिन हमें इस तरह की साजिशों को नाकाम करना है जिसके लिए हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों को एकता दिखानी होगी। सिद्धू अपनी बात शुरू करने ही वाले थे तभी रैली में मौजूद जमीन प्राप्ति संघर्ष समिति (जेडपीएससी) के सदस्यों और विरोध कर रहे आकांक्षी शिक्षकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को आना पड़ा। प्रदर्शनकारी अनुसूचित जाति के समुदाय के लिए आरक्षित भूमि और नौकरियों की मांग कर रहे थे।