सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भोज मुक्त विश्वविद्यालय में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें समूह चर्चा, पैनल चर्चा और ऑनलाइन व्याख्यान शामिल थे।

कार्यशाला में कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया, नई दिल्ली के निदेशक बी शेड्रिक ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 21वीं सदी के कौशल विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2035 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 50% तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। उन्होंने मुक्त विश्वविद्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनका उद्देश्य उन क्षेत्रों तक उच्च शिक्षा पहुंचाना है, जहां पारंपरिक विश्वविद्यालय नहीं पहुंच पाते।


कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग, वेंकूवर से जुड़े विशेषज्ञ निदेशक जेन फ्रांसेस और निदेशक जाको ओलिवर ने रोजगार कौशल परियोजनाओं पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में व्यवहारिक और तकनीकी कौशल विकसित करना आवश्यक है।
कार्यशाला में उद्योग जगत से जुड़े निदेशक सी. पी. शर्मा ने विद्यार्थियों को शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “ज्ञान ही असली संपत्ति है जो कभी छिनी नहीं जा सकती।”
ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सरोजिनी चॉय ने विद्यार्थियों के कौशल मापन के नए तरीकों पर जोर दिया। वहीं, मंडीदीप उद्योग संघ के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने उद्योग जगत की अपेक्षाओं पर चर्चा की और तकनीकी बदलावों के साथ पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता बताई।
कार्यशाला का समापन इग्नू के ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर के असिस्टेंट प्रोफेसर आशीष अवधिया द्वारा प्रेजेंटेशन सत्र के साथ हुआ। यह कार्यशाला तीसरे दिन भी जारी रहेगी।

#राष्ट्रीयशिक्षानीति #कौशलविकास #डॉबीशेड्रिक