सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भोपाल स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान और पंडित सुन्दरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा आयोजित चार दिवसीय कला उत्सव 2024-25 के दूसरे दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इस कला उत्सव का उद्देश्य देशभर के स्कूली बच्चों की कला प्रतिभा को प्रोत्साहन देना और उन्हें राष्ट्रीय मंच प्रदान करना है।


प्रतियोगिताओं में संगीत गायन, वादन, नृत्य, थिएटर, दृश्य कला और पारंपरिक कहानी वाचन जैसे श्रेणियों में 18 राज्यों से आए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पारंपरिक कहानी वाचन की नई श्रेणी में प्रतिभागियों ने अपने राज्यों की ऐतिहासिक और लोककथाओं को प्रस्तुत किया। जैसे, सिक्किम की द्रौपदी चीरहरण की कथा, उत्तर प्रदेश की दानवीर कर्ण की कहानी और त्रिपुरा की ‘राइमा साइमा’ लोककथा।


नृत्य प्रस्तुतियों में अरुणाचल प्रदेश का पोपिर, असम का बिहू, छत्तीसगढ़ का मांदरी और मध्य प्रदेश का नोर्टा लोक नृत्य मुख्य आकर्षण रहे। वहीं, भरतनाट्यम और कथक जैसे शास्त्रीय नृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संगीत वादन में तबला, सरोद, बांसुरी, और सितार के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति हुई। निकोबारी आदिवासी लोक संगीत, वृंद गान और तमिल नाटूपुरापाटू जैसे संगीत कार्यक्रमों ने प्रतिभागियों की रचनात्मकता को उजागर किया।
थिएटर प्रतियोगिताओं में दिल्ली ने अमृता प्रीतम के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया, जबकि लद्दाख और पुदुचेरी ने समाज और ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित प्रस्तुतियां दीं।
प्रतिभागियों ने अपनी सृजनात्मकता से निर्णायक मंडल का मन मोह लिया। शाम को प्रख्यात कलाकारों ने कथक, मणिपुरी नृत्य और मणिपुरी नट संकीर्तन के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
कला उत्सव का समापन हुआ जिसमें राज्यपाल मध्य प्रदेश विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे।

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