सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय कला उत्सव 2024-25 का समापन समारोह भोपाल स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के कला मंडपम में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल और विशिष्ट अतिथि स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने इस आयोजन की गरिमा बढ़ाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से 2015 में शुरू हुए इस कला उत्सव का उद्देश्य बच्चों में पारंपरिक कला, संस्कृति और शिल्प को बढ़ावा देना और कला को स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम से जोड़ना है।


प्रतिभागियों ने दिखाया कला का जादू
इस वर्ष के आयोजन में 25 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों की 35 टीमों ने भाग लिया। पहली बार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की टीम और पारंपरिक कहानी वाचन श्रेणी को शामिल किया गया। कुल 529 प्रतिभागियों ने संगीत, नृत्य, रंगमंच और दृश्यकला जैसी श्रेणियों में अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
मुख्य अतिथि का संबोधन
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने कहा कि कला उत्सव प्रतियोगिता से अधिक प्रतिभागिता का उत्सव है। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कला विविधता में एकता का प्रतीक है और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को साकार करने का माध्यम भी।

एनसीईआरटी का योगदान
एनसीईआरटी निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि कला शिक्षा अब कक्षा 3 से पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है। उन्होंने बच्चों से अपने अनुभव साझा करने का आग्रह किया, जिसमें श्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
विशेष प्रस्तुति और सम्मान
समारोह में प्रतिभागियों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं। निर्णायक मंडल में शामिल प्रख्यात कलाकारों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान चार दिवसीय आयोजन की झलकियां दिखाने वाली एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
अंतिम संदेश
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि कला समाज को जोड़ने का माध्यम है और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में कला का बड़ा योगदान होगा।
यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करते हुए कला और संस्कृति को नई पीढ़ी में आत्मसात कराने की एक प्रेरक पहल साबित हुआ।

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