सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: होशंगाबाद शहर, मध्य प्रदेश के प्रांत में नर्मदा नदी के किनारे बसाया गया है। इस शहर को मालवा के बादशाह हुशंग शाह ने स्थापित करवाया था। प्राचीनकाल में यह शहर नर्मदापुरम के नाम से जाना जाता था लेकिन हुशंग शाह के शासनकाल में इस शहर का नाम बदलकर होशंगाबाद कर दिया गया था। यह शहर कागज़ के कारखानों के लिए खास प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर रुपये बनाने के लिए कागज़ बनाए जाते हैं। होशंगाबाद शहर के दर्शनीय स्थल सेठानी घाटी, हुशंग शाह किला, सतुपड़ा नेशनल पार्क, बान्द्राभान, सल्कानपुर, खेड़ापति  आदि हैं।

होशंगाबाद जाने के लिए निकटतम एयरपोर्ट राजा भोज हवाई अड्डा है,  जो होशंगाबाद से 80  किमी. की दूरी पर स्थित है। होशंगाबाद रेलवे स्टेशन से भी होशंगाबाद पहुंचा जा सकता है। यह शहर भोपाल, जबलपुर, नागपुर से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। होशंगाबाद जिले में अनेक प्राकृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान है जहाँ अवशय ही घूमने जाना चाहिए।

पचमढ़ी, होशंगाबाद

पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यह होशंगाबाद का प्रमुख पर्यटक स्थल है। पचमढ़ी में घूमने योग्य  अनेको  स्थान है। यहाँ प्राकृतिक और धार्मिक स्थानों की घूमने के लिए कमी नहीं। यहाँ के कुछ प्रमुख दार्शनिक स्थल अम्बामाई मंदिर, चौरागढ़ मंदिर, जटाशंकर मंदिर, गुप्त महादेव, सनसेट पॉइंट, धूपगढ़, पांडव गुफा, बी फॉल, पांचाली कुंड, रिच गार्डन, पचमढ़ी लेक, राजेंद्र गिरी, हांडी खोह, धूपगढ़, रजत जलप्रपात आदि स्थान देख सकते हैं। यह प्रदेश का हिल स्टेशन है नवंबर से मार्च तक पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।

Why is Narmadapuram so famous?

 

सतपुड़ा नेशनल पार्क, होशंगाबाद

सतपुड़ा नेशनल पार्क को सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के नाम से भी जाना जाता है। इसका अधिकांश भाग होशंगाबाद जिले के अंतर्गत आता है, इसके अलावा इसका कुछ हिस्सा बैतूल, छिंदवाड़ा और नरसिंगपुर में भी फैला हुआ है। इस घने जंगल में अनेक प्रकार के वन्य जीव रहते है और यह स्थान टाइगर के लिए रिज़र्व किया गया है। यह लगभग 2200 किलोमीटरमें फैला हुआ है। इस विशाल अभ्यराण्य को 3 भागो में बाटा गया है, जिस से इसे घूमने में आसानी हो सके।

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बोरी वन्यजीव अभयारण्य, होशंगाबाद

बोरी वन्यजीव अभ्यारण सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व का एक हिंसा है जो लगभग 520 किलोमीटर2 में फैला हुआ है। इस प्राकृतिक घने जंगले में अनेक प्रकार के वन्य जीव निवास करते है। इसमें मुख्य रूप से जंगली सुवर, हिरन, बारहसिंगा, जंगली शियार और सैकड़ो प्रकार के पक्षियो की प्रजाति पाई जाती है।

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आदमगढ़ की गुफाएं, होशंगाबाद

होशंगाबाद जिले में स्थित आदमगढ़ की पहाड़ियां एक प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक  है। यहां पर आपको भीम बेटिका की तरह रॉक शेल्टर देखने के लिए मिलते हैं। ये रॉक शेल्टर भी हजारो साल पुराने है, यहां पर कभी आदिमानव रहते रहे होंगे। उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग आप आज भी देख सकते हैं। यहां पर हिरण, शेर, सूअर, मानव की नृत्य करते हुए एवं शिकार करते हुए पेंटिंग बनाई गई है। आदमगढ़ की पहाड़ियां होशंगाबाद से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बरसात के समय में इस स्थान पर चारो ओर हरियाली देखने के लिए मिलेगी।

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होशंग शाह का किला, होशंगाबाद

विदेश आक्रमणकारियो के पूर्व होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम हुआ करता था लेकिन होशंग शाह नामक शासक के बाद इसका नाम होशंगाबाद पड़ गया। होशंग शाह का किला अब खंडहर में तब्दील हो गया है, इतिहास में इसकी खूब चमक रही होगी। किला स्थल पर एक सूंदर पार्क है साथ ही यहाँ से नर्मदा नदी का सूंदर दृश्य दिखाई देता है, जो यहाँ आप के द्वारा बिताये गए पल को यादगार बनता है।

सेठानी घाट, होशंगाबाद

होशंगाबाद में नर्मदा नदी के तट पर बने सेठानी घाट, होशंगाबाद का एक प्रमुख स्थान है। इस घाट पर अनेक प्राचीन मंदिर निर्मित है, साथ ही इस स्थान से माँ नर्मदा का सूंदर दृश्य देख सकते है। अधिकांश श्रद्धालु इस स्थान पर स्नान कर मन व शरीर को तरपान करते है। इस स्थान में नर्मदा जयंती पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस घाट का निर्माण जयंती बाई सेठानी ने करवाया था इसलिए इस घाट का नाम सेठानी घाट रखा गया है।

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