सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार को विदेशों में विमानों की रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) गतिविधियों को देश में ही बढ़ाने के प्रयासों का आह्वान किया। उन्‍होंने एमआरओ क्षेत्र में नवाचार और बौद्धिक संपदा विकास की आवश्यकता पर बल दिया।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली में एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल) की ओर से आयोजित ‘एविएशन होराइजन 2025’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। नायडू ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 भारतीय मरम्मत एवं रखरखाव इकाइयों की हिस्सेदारी केवल 14 फीसदी थी। इसको 2030 तक बढ़ाकर 50 फीसदी करना है। उन्होंने कहा कि भारतीय मरम्मत एवं रखरखाव क्षेत्र में केवल श्रम-प्रधान कार्यों के बजाय बौद्धिक संपदा व नवाचारों के सृजन के प्रयास किए जाने चाहिए। के राममोहन नायडू ने अपने संबोधन में देश में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) गतिविधियों को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है, जो बड़े पैमाने पर विदेशों में की जाती हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2030 तक हवाई यात्रियों की संख्या 30 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्‍होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। नायडू ने देश के विमानन क्षेत्र की क्षमता का उल्लेख और समग्र दृष्टिकोण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 20 वर्षों में 200 और हवाई अड्डे बनाने की योजना है।

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