सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा “मशरूम की खेती और उद्यमिता विकास” विषय पर एक सप्ताह का कौशल विकास कार्यक्रम आज से शुरू हुआ। यह कार्यक्रम 27 जनवरी 2025 तक चलेगा और इसका उद्देश्य छात्रों को मशरूम की खेती, इसके पोषण लाभ, उत्पादन प्रक्रिया और उद्यमिता के अवसरों के बारे में जागरूक करना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति, एस. के. जैन बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय ने किया, विभाग की प्रमुख अनीता तिलवारी, ने स्वागत भाषण के साथ किया। उन्होंने वर्कशॉप के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “इस वर्कशॉप के माध्यम से प्रतिभागियों को मशरूम की खेती के वैज्ञानिक तरीकों, कम लागत में उत्पादन के उपाय और पोषण से भरपूर मशरूम की उपज के आर्थिक लाभों पर जानकारी दी जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मशरूम उत्पादन में प्रोटीन और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति एस. के. जैन ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में छात्रों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “यदि आपको उद्यमी बनना है, तो अपने लक्ष्य को अर्जुन की तरह साधना होगा। हर व्यक्ति में कोई न कोई कौशल होता है। आपको अपने कौशल को पहचानकर उसे विकसित करने की आवश्यकता है।” उन्होंने कौशल विकास और उद्यमिता को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस अवसर पर प्रो. रागिनी गौथलवाल, डीन, फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेस, ने कहा, “रिपीटेशन से कुछ नया संभव नहीं है। हमें तकनीकी सुधार और नवाचार को प्राथमिकता देनी होगी।” उन्होंने छात्रों को नवाचार और तकनीकी प्रगति के महत्व को समझाया।
प्रो. नीरज गौर, निदेशक, BUIT, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, ने कौशल विकास पर विश्वविद्यालय के फोकस को दोहराते हुए कहा कि कुलपति महोदय के निर्देशानुसार रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों की योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे ऐसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में पूजा दुबे पांडे (संस्थापक, BETi इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड), वैभव सिंह (TRA, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय, झांसी), और प्रवीण वर्मा (मनुप्रा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, झांसी) जैसे विशेषज्ञ अपने सत्रों में मशरूम की खेती और उद्यमिता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पूनम सिन्हा (नोडल अधिकारी, कौशल विकास, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय), अंशुजा तिवारी, रेखा खंडिया, सुनील स्नेही, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के फैकल्टी सदस्य जितेंद्र मालवीय, बिंदु नाहर, सुश्री शैलजा शर्मा और माधुरी शिंदे शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन नीलम बिसेन द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन नेहा पालीवाल ने दिया।
यह वर्कशॉप छात्रों को मशरूम की खेती के उन्नत तकनीकी तरीकों और उद्यमिता के अवसरों के बारे में प्रशिक्षित करेगी। प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन के व्यावसायिक लाभों को समझने और इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सेमिनार हॉल में किया जा रहा है।
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