सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एक्टर विनीत कुमार सिंह हाल ही में ‘घुसपैठिया’ में नजर आए। एक्टर सोलो हीरो के रूप में फिल्म ‘मुक्काबाज’ में काम किया। लेकिन इस फिल्म के बाद वो अपने करियर को जिस दिशा में देख रहे थे। वैसा कुछ नहीं हुआ। मेकर्स के मन में विश्वास लाने के लिए नए प्रयोग किए। इस समय उनके पास कबीर खान, रीमा कागती और अनुराग कश्यप के साथ बड़े प्रोजेक्ट्स भी हैं। विक्की कौशल की ‘छावा’ में भी वह अहम रोल में हैं। आज उनका बर्थडे है। एक्टर से उनके प्रोजेक्ट्स और करियर को लेकर हुई खास बातचीत…

बर्थडे पर आपकी क्या प्लानिंग है। फैमिली के साथ सेलिब्रेट करेंगे या फिर शूटिंग पर रहेंगे?

बर्थडे पर मैं मुंबई में रहूंगा। फैमिली के साथ ही सेलिब्रेट करूंगा। हालांकि मैं एक प्रोजेक्ट की शूटिंग में व्यस्त हूं। इसलिए बर्थडे को लेकर कुछ भी बड़ा प्लान नहीं है। इतना बता सकता हूं कि बर्थडे पर मेरे एक प्रोजेक्ट को लेकर अनाउंसमेंट आ सकती है। मैं अपने फैंस को एक बड़ा सरप्राइज देने वाला हूं। बाकी राइटिंग के लेवल पर कुछ चीजें मैंने लिखीं हैं जो धीरे-धीरे सामने आएंगी।

‘घुसपैठिया’ में आपका क्या किरदार है। किस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा?

‘घुसपैठिया’ में मैंने कॉप का रोल किया। पहली बार मैं कोई ऐसा किरदार प्ले कर रहा था, जिसमें जहां पर मैं काम करता हूं वह एक साइबर यूनिट है। मेरा किरदार लोगों की कॉल सुनता रहता है। इसमें बहुत सारे मेरे सीन ऐसे भी हैं, जिसमें कोई दूसरा किरदार मेरे सामने नहीं है। इसमें जो कॉल्स मैं सुन रहा हूं उससे जुड़ा इमोशन मेरी आंखों में महसूस होगा तब ही सही मैसेज कन्वे होगा। ये मेरे लिए काफी नया अनुभव था। अच्छा लग रहा है कि मेरे किरदार को लोग पसंद कर रहे हैं। क्रिटिक्स का भी प्यार हमेशा से मिलते आया है।

‘मुक्काबाज’ की तरह फिर से कब सोलो प्रोजेक्ट में नजर आएंगे?

कुछ चीजें हैं पर असल में ‘मुक्काबाज’ आने के बाद मुझे भी लग रहा था कि चीजें सही जाएंगी, सोलो प्रोजेक्ट्स मिलेंगे पर वैसा कुछ पुख्ता तरीके से नहीं हुआ। उसके बाद से जिस तरह का काम कर रहा हूं उसमें बड़ा जम्प आया। मैं शुक्रगुजार हूं उन लोगों का जिनकी वजह से ‘मुक्काबाज’ आई थी। ऐसी फिल्म एक एक्टर की लाइफ में आने के बाद चीजें बदलती हैं। हां, ये सच है कि इसके बाद जो मैं एक्सपेक्ट कर रहा था। उस दिशा में कोई बड़ी डेवलपमेंट नहीं हुई।

फिर मैंने तय किया कि मैं अलग-अलग तरह के रोल करता हूं। इसके बाद गोल्ड, सांड की आंख, आधार, सिया और गुंजन सक्सेना जैसी फिल्मों में अहम किरदार किए। मैंने इस बीच प्रयोग बहुत सारे किए। इसका अब मुझे फायदा भी हो रहा है। मेकर्स के मन में भी एक विश्वास आया है कि ये लड़का कुछ अच्छा कर सकता है।