सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के पास मौजूद अतिरिक्त खाली जमीनों पर आईटी पार्क विकसित करने की संभावनाएं तलाशने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए।
प्रदेश में जबलपुर, सागर, उज्जैन और रीवा में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जिनके पास विशाल कैंपस मौजूद हैं। ग्वालियर, विदिशा और इंदौर में भी सरकारी ट्रस्टों और विश्वविद्यालयों के इंजीनियरिंग कॉलेजों के पास खाली जमीनों पर आईटी पार्क विकसित करने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भोपाल में स्थित संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क के कामकाज की भी समीक्षा की और शेष कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कॉलेजों में स्किल डेवलपमेंट कोर्स शुरू करने और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के हर विकासखंड में एक आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वर्तमान में प्रदेश में 956 आईटीआई संचालित हैं, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी विकासखंड बिना आईटीआई के न रहे।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्पादों को टेक्सटाइल उद्योग से जोड़ने का सुझाव दिया और उच्च शिक्षा रोजगार से जुड़ी योजनाओं पर एक बुकलेट जारी की। उन्होंने महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को टेक्सटाइल उद्योग से जोड़ने के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए और स्कूल स्तर से ही बच्चों को मल्टीलिंग्विअल कम्युनिकेशन की ट्रेनिंग देने की बात की।
सीएम ने कहा कि कम जमीन में ज्यादा उपज पैदा करना भी स्किल डेवलपमेंट का हिस्सा है और इसके लिए हर विभाग में स्किल डेवलपमेंट का प्लान तैयार किया जाए। दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुधन के नस्ल सुधार और दूध से बने उत्पादों की ट्रेनिंग पर भी जोर दिया जाएगा।