भोपाल । प्रदेश की राजधानी भोपाल में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का पर्व मोहर्रम मुसलमानों ने पूरी सादगी के साथ मनाया । पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना गाइडलाइन के कारण मातमी जुलूस नहीं निकले। नगर निगम प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में सादगी के साथ मुस्लिम समाज के लोग सजे हुए ताजियों को लेकर बड़े तालाब के कमला पार्क विसर्जन घाट सहित शहर के अलग-अलग 15 स्थानों पर ले गए और ताजियों का विसर्जन किया। भोपाल ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी की ओर से मस्जिदों में जुमा की नमाज पढ़कर अकीदतमंद बंदों ने विशेष इबादत की।

अल्‍लाह से कोरोना मुक्ति की दुआएं मांगी गईं। शहर में दोपहर से ही ताजियों का विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया था, जो देर रात तक चलता रहा। वहीं शहर के सभी इमामबाड़ों में मजलिस नोहा सोज ख्वानी मातम हुआ। शहर के लाखों बंदों ने आशुरा का रोजा भी रखा। घर-घर नियाज फातेहा हुई। भूखे की भूख और प्यासे की प्यास बुझाने की परंपरा के तहत कई मोहल्लों में शर्बत व खिचड़ा बांटा गया। आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्ष डॉ औसाफ शाहमीरी खुर्रम मियां चिश्ती ने बताया कि मोहर्रम पूरी अकीदत के साथ मनाया गया। प्राचीन करबला मैदान पर मजहबी रसुमात अदा की गई। नगर निगम ने निशातपुरा, भानपुर, गांधीनगर, कोलार, अरेरा कॉलोनी, काजी कैंप, बुधवारा, टीला जमालपुरा, रेलवे स्टेशन, चांदबड़, मंगलवारा, इतवारा, आरिफ नगर, छोला, रिसालदार कॉलोनी, करोंद, अशोका गार्डन, ऐशबाग, शाहजहांबाद में ताजियों के विसर्जन के लिए वाहन भेजे थे, ताकि ताजियों को विसर्जित करने में दिक्कत न हो। कोरोना के कारण लगातार दूसरे साल भी मोहर्रम के ताजियों, सवारियों अलम शरीफ बुर्राक नगाड़ों का विशाल जुलूस नहीं निकला।