सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : नीति आयोग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र में कौशल की भारी कमी और औपचारिक क्रेडिट की सीमित पहुंच पर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में एमएसएमई कर्मचारियों को औपचारिक तकनीकी प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनके उत्पादकता और विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2020 से 2024 के बीच एमएसएमई की औपचारिक क्रेडिट तक पहुंच में सुधार हुआ है, लेकिन फिर भी 80 लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट गैप बना हुआ है। केवल 19 प्रतिशत डिमांड ही औपचारिक क्रेडिट से पूरी हो पा रही है, जो इस क्षेत्र के विकास में एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इसके अतिरिक्त, एमएसएमई क्षेत्र में तकनीकी समस्याओं का सामना भी किया जा रहा है, जैसे बिजली की अनियमित आपूर्ति और कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी। इसके बावजूद, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएं बनाई गई हैं, लेकिन एमएसएमई मालिकों में इन योजनाओं के बारे में जागरूकता की कमी और पहुंच की समस्या बनी हुई है।
रिपोर्ट में सरकारों से सुझाव दिया गया है कि वे राज्य स्तर पर बेहतर नीतिगत ढांचा, निगरानी और डेटा एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि एमएसएमई क्षेत्र को और अधिक सशक्त किया जा सके। नीति आयोग का मानना है कि एमएसएमई क्षेत्र भारत की समावेशी आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।