भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार अवैध खनन पर कंट्रोल करने दूसरे राज्यों की नीति अपनाएगी। इसके लिए राज्य सरकार अवैध खनन रोकने क्षेत्र में अच्छे काम करने वाले अन्य राज्यों की मदद लेगी। खनिज साधन विभाग ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित दो अन्य राज्यों से खनिज नीति की मांग की है। इसमें देखा जाएगा कि संबंधित राज्यों ने किस प्रकार अवैध उत्खनन पर रोक लगाई है और इन राज्यों ने क्या परिणाममूलक प्रयास किए हैं।
राज्यों की खनिज नीति का अध्ययन करने के बाद विभाग के अधिकारियों का दल संबंधित राज्यों का दौरा भी करेगा। बता दें किराज्य सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी मध्य प्रदेश में रेत, गिट्टी का अवैध उत्खनन नहीं रुक रहा है। लिहाजा सरकार अब इस क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले राज्यों की मदद लेगी।प्रदेश में पिछले साल खनिज, पुलिस और वन विभाग ने मिलकर अवैध रेत उत्खनन व परिवहन के 1800 प्रकरण दर्ज किए हैं। इनमें 24 हजार 932 घन मीटर रेत जब्त की गई है। एक हजार 792 चार पहिया वाहन जब्त हुए हैं और 23 वाहन राजसात किए गए हैं। इस स्थिति ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
विभाग की समीक्षा के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभाग के अधिकारियों को अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद खनिज विभाग ने इन राज्यों के खनिज विभाग को पत्र लिखकर खनिज नीति की मांग की है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संबंधित राज्य अवैध उत्खनन पर रोक लगाने में कामयाब रहे हैं। अन्य राज्यों से मांगी गई खनिज नीति में यह भी देखा जाएगा कि मध्य प्रदेश में ट्रांजिट परमिट (टीपी), उत्खनन और परिवहन को व्यवस्थित करने के लिए क्या किया जा सकता है। रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के लिए प्रदेश के आठ जिले कुख्यात हैं।
पिछले साल छतरपुर, ग्वालियर, सीहोर, राजगढ़ और खरगोन में अवैध रेत परिवहन के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। खरगोन, रतलाम, टीकमगढ़, जबलपुर और छतरपुर में सबसे ज्यादा रेत जब्त की गई है। इस बारे में खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह का कहना है कि पांच राज्यों से खनिज नीति मंगाई गई है। उसका अध्ययन करने के बाद अधिकारियों के दल संबंधित राज्यों में भेजेंगे। मई-जून तक प्रक्रिया पूरी कर नियमों का मसौदा तैयार करेंगे।