भोपाल । मध्य प्रदेश को वर्ष 2021 में 29 आईएएस और आईपीएस अधिकारी मिलेंगे। इसके लिए राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक संघ लोकसेवा आयोग में सितंबर के अंतिम सप्ताह में हो सकती है। सामान्य प्रशासन और गृह विभाग के अधिकारी बैठक के लिए प्रस्ताव को अंतिम रूप देना में जुट गए हैं। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन से इसी माह भेजा जाएगा।
प्रदेश में इस वर्ष पदोन्नति के माध्यम से आइएएस संवर्ग आवंटन के लिए 18 पद उपलब्ध हैं। इसके लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के 54 अधिकारियों का प्रस्ताव संघ लोकसेवा आयोग को भेजा जाना है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 1994 बैच के विवेक सिंह और 1995 बैच के पंकज शर्मा के नाम भी विचार के लिए रखे जाएंगे। दोनों को जांच चलने के कारण पिछले साल मौका नहीं मिल पाया था।
आईएएस के लिए इनका दावा
वरिष्ठता क्रम के हिसाब से 1998 और 1999 बैच के सुधीर कोचर, रानी बाटड, चंद्रशेखर शुक्ला, त्रिभुवन नारायण सिंह, नारायण प्रसाद नामदेव, दिलीप कुमार कापसे, बुद्धेश कुमार वैद्य, जयेंद्र कुमार विजयवत, डॉ.अभय अरविंद बेडेकर, अजय देव, नियाज अहमद खान, मनोज मालवीय, नीतू माथुर, अंजू पवन भदौरिया और जमना भिडे को आईएएस अवॉर्ड होना तय माना जा रहा है। वहीं, 1994 बैच के अधिकारी विनय निगम का नाम भी विचार के लिए रखा जाएगा। निगम ने राज्य प्रशासनिक सेवा में वरिष्ठता को लेकर प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दायर की है। इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। दरअसल, विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने में विलंब की वजह से उन्हें वरिष्ठता का लाभ नहीं मिला है।
आईपीएस अवॉर्ड के लिए 11 पद उपलब्ध
वहीं, राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवॉर्ड के लिए 11 पद उपलब्ध हैं। अनिल कुमार मिश्रा और देवेंद्र कुमार सिरोलिया को इस बार भी जांच चलने के कारण मौका नहीं मिलेगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सेवा अभिलेखों के आधार पर 1995-96 बैच के अधिकारी प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह पवार, सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन को आइपीएस अवॉर्ड हो सकता है। पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। अब विभाग परीक्षण करके संघ लोक सेवा आयोग को इसी माह प्रस्ताव भेजेगा। बताया जा रहा है कि सितंबर अंत तक विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हो सकती है।