सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को कांग्रेस के विधायक नल की टोंटी लेकर पहुंचे। उन्होंने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा परिसर में नारेबाजी की। वहीं, सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा- कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य नहीं कराए जा रहे हैं, इसलिए पार्टी विधायकों ने तय किया है कि वे अपना वेतन नहीं लेंगे।
सिंघार ने कहा- इससे संबंधित पत्र आज विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सदन के पटल पर रख रहे हैं। अध्यक्ष के माध्यम से अनुरोध है कि कांग्रेस विधायकों की तनख्वाह से उनके क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाएं।
इनकम टैक्स खुद भरेंगे स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल और ध्यानाकर्षण के बाद मध्यप्रदेश माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक 2024, विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष वेतन भत्ता संशोधन विधेयक 2024 तथा मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष वेतन तथा भत्ता संशोधन विधेयक 2024 सर्वसम्मति से पारित किए गए। इन विधेयकों के पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष वेतन तथा भत्ते से होने वाली आमदनी पर लगने वाले इनकम टैक्स की राशि खुद जमा करेंगे।
विधेयकों पर चर्चा के बाद आज खाद संकट पर चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को नियम 139 के अंतर्गत लोक महत्व के विषय पर चर्चा के लिए अनुमति दी है।
सैलाना विधायक डोडियार को बोलने का मौका मिल सकता है सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार को आज सदन में बोलने का मौका मिल सकता है। डोडियार ने विधानसभा में बात नहीं रखने देने का आरोप लगाते हुए बुधवार को मौन धरना दिया था।
एमपी में विधायकों की सैलरी 1.10 लाख रुपए; 50 साल में 550% तक बढ़ी
एमपी में विधायकों की सैलरी 1.10 लाख रुपए महीना है।प्रदेश में 1972 से विधायकों को वेतन-भत्ते दिए जा रहे हैं। तब उन्हें 200 रुपए मासिक वेतन मिलता था। अभी 1.10 लाख रुपए है। बीते 50 साल में इनका वेतन 550% बढ़ चुका है। पांच साल में विधायकों के वेतन-भत्तों पर कुल 149 करोड़ रुपए खर्च किए। मप्र में आखिरी बार विधायकों का वेतन साल 2016 में बढ़ा था।
विधानसभा में ये विधेयक आएंगे
बीजेपी विधायक बोले- भीख न मांगनी पड़े, ये सरकार की जिम्मेदारी
आलोट से बीजेपी विधायक चिंतामण मालवीय ने उज्जैन में भिखारियों की संख्या और सिंहस्थ का मामला उठाया। उन्होंने कहा- सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि जो निर्धन है, उसे भीख मांगने की जरूरत न पड़े। वह अच्छा जीवन जी सके, ये सरकार की जिम्मेदारी है। मालवीय ने कहा कि सिंहस्थ की कई जमीनों पर अतिक्रमण है। सिंहस्थ की जमीन और बढ़नी चाहिए।
सरकार राशि नहीं दे रही, जनता में असंतोष फैल रहा
टीकमगढ़ से कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह ने कहा- भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए 15 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। हमें आश्वासन दिया था कि 5 करोड़ देंगे। इसमें से भी केवल 20 परसेंट राशि मिली है। हमने विकास कार्यों का शिलान्यास और भूमि पूजन कर दिया। अब लोगों के बीच असंतोष बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा- बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वित्तीय कठिनाइयों के चलते अभी राशि देने में असमर्थ हैं। इस पर हमने कहा कि वित्तीय कठिनाइयां हैं तो हम अपनी सैलरी दे देते हैं लेकिन क्षेत्र के काम प्रभावित नहीं होने चाहिए।
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