सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज के दौर में जब हमारे बॉडी पर कई तरह की लाइफस्टल डिजीज का खौफ मंडराता रहता है, ऐसे में खुद को फिट रखना बेहद जरूरी हो जाता है. हम में से कई लोग ऐसे हैं जो वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी बीमारी आसपास न आए. ऐसे में फैट लूज करना आपका सबसे बड़ा टारगेट होता है |

गुड और बैड फैट का फर्क

मशहूर लाइफस्टाइल और फिटनेस कोच ल्यूक कॉउटिंहो (Luke Coutinho) ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए ब्राउन फैट (Brown Fat) और व्हाइट फैट (White Fat) के बीच फर्क को शेयर किया है और बताया है कि व्हाइट फैट को बर्न करने के लिए ब्राउन फैट की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए |

गुड फैट को समझें

ल्यूक कॉउटिंहो के मुताबिक ब्राउन फैट को ‘गुड फैट’ (Good Fat) कहा जाता है, ये कैलोरी को बर्न करके हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करता है. ये फैट बच्चों और यंग लोगों में मौजूद रहता है, खासकर उनके गले और कंधों में जमा होता है|

बैड फैट को समझें

दूसरी तरफ, व्हाइट फैट जिसे ‘बैड फैट’ (Bad Fat) भी कहते हैं, एनर्जी का रिजर्व है जो पेट, जांघों, कूल्हों और बाहों जैसी जगहों पर जमा होता है. जबकि ये ऊर्जा पाने के लिए जरूरी है, हद से ज्यादा सफ़ेद सीरियस मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह बन सकता है|

व्हाइट फैट को बर्न कर सकता है ब्राउन फैट

दिलचस्प फैक्ट जो ज्यादातर लोग भूल जाते हैं वो ये है कि ब्राउन फैट व्हाइट फैट को जला सकता है. ब्राउन फैट कैलोरी जलाकर गर्मी पैदा करता है, जिसका मतलब है कि जब ये एक्टिव होते हैं, तो ये शरीर को व्हाइट फैट सेल्स से स्टोर्ड एनर्जी का इस्तेमाल करने में मदद कर सकती है. ब्राउन फैट जितनी ज्यादा एक्टिव होती है, शरीर उतनी ही ज्यादा कैलोरी जलाता है, जिसके नतीजतन व्हाइट फैट कम हो जाती है|

व्हाइट फैट कैसे बर्न होता है?

ब्राउन फैट को एक्टिव करना व्हाइट फैट को बर्न करने और ओवरऑल मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का एक पॉवरफुल तरीका है. ल्यूक कॉउटिन्हो के मुताबिक, ये कॉमन और आसानी से मौजूद फूड आइटम्स और लाइफस्टाइल में चेंज लाकर हासिल किया जा सकता है, जिससे सिर्फ एक्सरसाइज और डाइट से परे फैट कम करना मुमकिन हो जाता है |

#GoodFat #BadFat #स्वस्थजीवन #फिटनेस