भोपाल । पिछले एक साल में राजधानी की सड़कों की मरम्मत नहीं हुई तो यह सड़के एक साल भी नहीं टिक सकी। लिहाजा बारिश में अधिकांश सड़के जर्जर हो चुकी है। इधर, कलेक्टर अविनाश लवानिया ने शहर की विभिन्न एजेंसियों की सड़कों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। वहीं मरम्मत कार्य जारी करने के लिए भी कहा है। मालूम हो कि शहर में सड़कों के निर्माण व सुधार कार्य के लिए नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए), भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) के साथ भेल प्रबंधन काम करता है। इसमें सर्वाधिक सड़कों का जाल नगर निगम के पास है। नगर निगम ने शहर में 3500 किमी से अधिक की सड़कों का निर्माण किया है। वहीं बीडीए व भेल प्रशासन की सड़कों का आंकड़ा सबसे कम है। विभिन्न निर्माण एजेसियों के तालमेल में कमी होने का असर अक्सर निर्माण कार्यों पर पड़ता है। लिहाजा पिछली सरकार ने सड़कों के रखरखाव, सुधार व निर्माण कार्य के लिए एक एजेंसी के निर्धारण करने का निर्णय लिया था। दरअसल, राजधानी में सड़क संधारण के लिए कई एजेंसियां काम करती है। ऐसे में यह पता लगाना तक मुश्किल होता है कि किस एजेंसी की कौन सी सड़क है। इसके चलते इनकी सही तरीके से निगरानी नहीं हो पाती और सड़कों की बदतर होती स्थिति का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। लिहाजा, पिछली सरकार में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सड़क संबंधित सभी कार्यों के लिए एक एजेंसी का प्लान तैयार किया था। निर्माण एजेंसियों से सर्वे का निर्देश भी दिया गया था। इसमें सड़कों की वर्तमान स्थिति, निर्माण की तिथि, लागत के साथ गारंटी पीरियड की जानकारी मुहैया कराई जानी थी। प्रदेश में अचानक राजनीतिक सत्ता-परिवर्तन की स्थिति के बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। अब जिला प्रशासन द्वारा संबंधित निर्माण एंजेसियों से सडकों की मरम्मत कराने की बात कही जा रही है।