सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद नरेंद्र मोदी 8 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इस समारोह के लिए भारत के पड़ोसी देशों के लीडर्स को न्योता भेजा जाएगा।
इनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के PM प्रचंड समेत मॉरीशस और भूटान के नेता शामिल होंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया डिविजन ने इसकी पुष्टि भी की।
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार को फोन करके PM मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी थी। इसी दौरान कॉल पर मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे विक्रमसिंघे ने स्वीकार कर लिया। वहीं बांग्लादेश की PM के साथ भी फोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने उन्हें समारोह का आमंत्रण दिया है।
बाइडेन-पुतिन ने PM मोदी को फोन कर दी जीत की बधाई
नेपाल के PM प्रचंड ने भी PM मोदी को फोन कर बधाई दी। PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बाकी देशों के नेताओं को आज शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता भेजा जाएगा। इससे पहले मंगलवार (6 जून) को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद PM मोदी को आधी दुनिया ने बधाई दी।
इनमें भारत के पड़ोसी देशों के नेताओं के अलावा, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन, ब्रिटेन के PM सुनक, मालदीव, फ्रांस के राष्ट्रपति, इजराइल और जापान के प्रधानमंत्री समेत 90 से ज्यादा नेता शामिल रहे। सभी ने PM मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। साथ ही भारत के साथ मिलकर पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने की उम्मीद जताई।
2014 में SAARC, 2019 में BIMSTEC सदस्यों को दिया था न्योता
इससे पहले 2014 में अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान PM मोदी ने SAARC देशों के लीडर्स को न्योता भेजा था। इसके तहत पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे समारोह में शामिल हुए थे।
इनके अलावा शेख हसीना की जगह बांग्लादेश के हाउस स्पीकर कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इसके बाद अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 2019 में हुए शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी ने BIMSTEC देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। समारोह में किर्गिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार के लीडर्स ने हिस्सा लिया था।