सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (3 दिसंबर) को चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) में 3 नए कानूनों को लागू करने की समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी उनके साथ रहे। यहां उन्होंने चंडीगढ़ में लागू किए गए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का डेमो भी देखा।
पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधन में कहा कि नए कानूनों के बाद हमें अंग्रेजों के जमाने के गुलाम क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल गया है। अब तारीख पर तारीख का खेल खत्म हो गया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब तारीख पर तारीख के दिन लद गए यानी खत्म हो गए हैं। नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आने वाली कानूनी अड़चन दूर होगी।
PM मोदी की संबोधन की 8 अहम बातें
1. लोगों ने सोचा, अंग्रेज चले गए तो उनके कानूनों से मुक्ति मिलेगी PM मोदी ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ देश में 1857 में विद्रोह शुरू हुआ था। उसके बाद 1860 में अंग्रेजों ने आईपीसी बनाई। इन कानूनों का मकसद भारतीय को दंड देना, उन्हें गुलाम बनाना था। कई लोगों के बलिदान के बाद 1947 में देश को आजादी मिली।
जब आजादी की सुबह आई तो कैसे-कैसे सपने थे, लोगों में कितना उत्साह था। लोगों ने सोचा था कि अंग्रेज चले गए हैं तो अंग्रेजों के कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी। यह कानून अंग्रेजों के शोषण करने का जरिया थे, जिनसे वह भारत में अपनी सत्ता मजबूत करना चाहते थे।
2. आजादी के बाद भी गुलामों के लिए कानून ढ़ोते रहे मोदी ने आगे कहा कि देश की आजादी के दशकों के बाद भी हम उसी दंड संहिता के इर्द-गिर्द घूमते रहे। हालांकि इन कानूनों में थोड़ा-बहुत बदलाव जरूर हुआ, लेकिन इनका चरित्र वही बना रहा। आजाद देश में गुलामों के लिए बने कानूनों को क्यों ढोया जाए, न हमने यह बात उनसे पूछी, न ही शासन कर रहे लोगों ने समझी। इन्होंने भारत की विकास यात्रा को प्रभावित किया। देश अब उस गुलामी से बाहर निकले। इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन आवश्यक था।
3. मैंने लाल किले से लोगों के सामने यह बातें रखीं पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को मैंने लाल किले से यह चीज लोग सामने रखी थी। PM मोदी ने कहा कि 2020 में इन 3 नए कानूनों का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके बाद कई जगह से सुझाव लिए गए। इसमें हाईकोर्ट के जजों और लोगों बात की गई। आजादी के 7 दशकों में न्याय व्यवस्था में आई चुनौतियों पर मंथन किया गया।
4. जीरो FIR कानूनी बनाई, हर चीज टाइम बाउंड की पीएम ने कहा कि ये कानून नागरिकों के अधिकारों के प्रोटेक्टर बन रहे हैं। पहले एफआईआर दर्ज करवाना मुश्किल होता है। अब जीरो एफआईआर को कानूनी रूप दिया गया गया है। पीड़ित को एफआईआर की कॉपी दी जाएगी।
अगर आरोपी से कोई केस हटाना होगा तो पीड़ित की सहमति जरूरी होगी। किसी को भी पुलिस जबरदस्ती हिरासत में नहीं ले सकती है, उसके परिजनों को सूचित करना होगा। अब आरोपियों को बिना सजा से लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इसके अलावा नए कानूनों में कई नई चीजों को शामिल किया है। इसमें हर चीज टाइम बाउंड की गई है।
अब सीधे फोन पर लोगों को समन भेजे जाएंगे। डिजिटल तथ्य मान्य होंगे। चोरी के मामले में वीडियो के साथ फिंगर प्रिंट का मिलान कानूनी आधार होगा।
5. गरीब-मजदूर अब कोर्ट-कचहरी से नहीं डरेंगे पीएम ने कहा कि गरीब व कमजोर लोग कानून के नाम से डरते थे। पहले वह लोग कोर्ट-कचहरी में कदम रखने से डरते थे, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता लोगों की इस मानसिकता को बदलने का काम करेगी।यही सच्चा सामाजिक न्याय है। जिसका भरोसा हमारे संविधान में दिलाया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, हर पीड़ित के प्रति संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। देश के नागरिकों को इसकी बारीकियों का पता चलना भी उतना ही जरूरी है।
6. भ्रष्टाचार-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी पीएम ने कहा कि इन नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी मजबूत होगी। नए कानून से देश की प्रगति मिलेगी। कानूनी अड़चनों से भ्रष्टाचार को लगाम लगाने में जो दिक्कत आती थी, वह दूर होगी। पहले विदेशी निवेशक इसलिए भारत नहीं आते थे कि कई कोई मुकदमा दर्ज हुआ तो सालों निकल जाएंगे।
7. पहले आर्टिकल 370, तीन तलाक और अब वक्फ बोर्ड की चर्चा हो रही पीएम ने कहा कि कुछ कानून जब बनते हैं तो बहुत चर्चा होती है, जैसे आर्टिकल 370, तीन तलाक पर चर्चा हुई। अब वक्फ बोर्ड पर चर्चा चल रही है। आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस है। यह लोग भी हमारे ही परिवार के सदस्य थे। पुराने कानूनों में इनके लिए ऐसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसे सभ्य समाज स्वीकार नहीं करता है।
8. इन कानूनों के प्रारूप का आधार मां चंडी PM मोदी ने कहा कि चंडीगढ़ में आने से लगता है कि अपनों के बीच आ गया हूं। चंडीगढ़ की पहचान शक्ति स्वरूपा मां चंडी से जुड़ी है, यानी शक्ति का वह स्वरूप, जिससे सत्य व न्याय की स्थापना होती है। यही चीज तीनों कानूनों के प्रारूपों का आधार है। मैं चाहूंगा कि चंडीगढ़ की तरह तीन कानूनों का लाइव डेमो हर राज्य की पुलिस को लोगों को दिखाने की कोशिश करनी चाहिए।
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