खरगोन । शहर में इन दिनों कॉलोनी, मोहल्लों, बस्तियों में मोबाइल टॉवरों का मानो जाल बिछता नजर आ रहा है। कई बार विरोध के बाद भी टॉवर लगाए जा रहे है। सोमवार को बिस्टान रोड़ स्थित वार्ड 31 इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में एक मकान की छत पर लग रहे मोबाइल टॉवर का रहवासियों ने विरोध किया। मकान मालिक एवं कंपनी कर्मचारियों ने प्रशासनिक अनुमति का हवाला देकर निर्माण कार्य जारी रखा, जिस पर विवाद की स्थिति निर्मित हुई सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझाईश देकर मामला शांत कराया।
निजी कंपनी का मोबाइल टॉवर लगाने की तैयारियों को लेकर कंपनी के कर्मचारी सुबह लोडिंग में सामान भरकर पहुंचे। जिसके बाद रहवासी जमा हो गए। पूर्व पार्षद बेबी मंडलोई ने बताया कि क्षेत्र में पहले ही महज 25 से 50 फीट की दूरियों पर दो टॉवर लगे है, अब तीसरे टॉवर की तैयारी की जा रही है। टॉवर से निकलने वाले विकिरण स्वास्थ्य के लिए घातक है जैसा कि इंटरनेट पर भी इसके दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं इसमें सिर दर्द, मेमोरी लॉस, श्वसन तंत्र, लो स्पर्म कांउट एवं कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। जनहित को देखते हुए दी गई अनुमति निरस्त कि जाए। विरोध के बाद भी कंपनी के लोगों ने अपना काम जारी रखा। रहवासियों पंकज परिहार, मंजु पाल, सतीष कोलते, एआर पटोदे आदि का कहना है कि कॉलोनी में संतोष रावल अपने मकान की छत पर मोबाइल टॉवर लगवा रहा था। इसको लेकर विरोध किया। क्षेत्र के रहवासियों की स्वास्थ्य की परवाह कोई नहीं कर रहा है। कंपनी के मोबाइल टॉवर का निर्माण किया जा रहा था जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक है। टॉवर लगता है तो क्षेत्र के रहवासियों के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।