सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसर में “मीडिया वर्कशॉप फॉर टीचर्स” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानन्द सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु के. जी. सुरेश ने की। प्रथम दिवस शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु सुरेश ने कहा कि आज सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया ने क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है । लेकिन इसमें कोई नियमन( रेगुलेशन) नहीं है ।
उन्होंने सिटीजन जर्नलिज्म के पश्चिमी सिद्धांत को नकारते हुए कहा कि नागरिक संचारक हो सकता है, लेकिन नागरिक पत्रकार नहीं हो सकता है। जैसे डॉक्टर और वकील बनने के लिए कुछ जरुरी योग्यताएं एवं डिग्री आवश्यक है, वैसे ही पत्रकारिता के लिए भी कुछ जरुरी मानक हैं । प्रो. सुरेश ने कहा कि नकारात्मक आख्यान (नेरेटिव) बहुत बढ़ते जा रहा है,जिसे सकारात्मक आख्यान से काउंटर किया जाना चाहिए । उन्होंने मिस इन्फॉर्मेशन डिस इन्फॉर्मेशन को समझाते हुए कहा कि अज्ञानतावश सूचना को फॉरवर्ड करना मिस इन्फॉर्मेशन है, जबकि जानबूझकर गलत सूचना को आगे भेजना डिस इन्फॉर्मेशन है । उन्होंने कहा कि हमारे सामने आज चुनौतियां क्या है ? अवसर क्या है ? इसे देखते हुए तकनीक का सदुपयोग जरुर करना चाहिए।
विषय विशेषज्ञ दीपक शर्मा ने नेरेटिव और स्टोरी टेलिंग को समझाते हुए कहा कि स्टोरी टेलिंग कहानी है और कथानक वह है, जो गढ़ा जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों में अख़बार कम पढ़ने और नहीं पढ़ने पर चिंता जताई ।
वर्कशॉप में विश्वविद्यालय के राजभाषा अधिकारी तथा प्रोड्यूसर रामदीन त्यागी ने “मीडिया सहभागिता के लिए उपकरण और तकनीकें : विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म का अवलोकन” विषय केन्द्रित तकनीकी सत्र में शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को सोशल मीडिया टूल्स का उपयोग समझ और राष्ट्र हित में करने की जरूरत है । एडजंक्ड प्रोफेसर गिरीश उपाध्याय एवं प्रोड्यूसर मनोज पटेल ने “हैंड्स ऑन प्रैक्टिस विथ मीडिया टूल्स” के उपयोग पर किया |