सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया | इसमें प्रख्यात गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के बारे में प्रकाश डाला गया तथा जीवन में गणित के महत्व पर चर्चा की गई l
इस अवसर पर मुख्य वक्ता उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान में गणित के प्रोफेसर सभाकांत द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में कहा की मानव मस्तिष्क में प्रमुखता से तीन प्रकार के विचार आते हैं l पहले विचार गणितीय विचार , दूसरा कलात्मक विचार और तीसरा विज्ञानात्मक विचार है l उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आपके कथन में संख्याएं आना शुरू होती हैं आपका कथन प्रमाणिक होने लगता है l आप जो भी कम करें उसमें संख्याओं के इस्तेमाल की आदत डालना चाहिए l

गणित अमूल्य हैl आप अपने साथियों से जब गणितीय भाषा में बात करते हैं तो कई प्रकार की समस्याएं ठीक हो सकती हैं l डॉ. द्विवेदी ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति में जीवन के लिए सांस लेना, भोजन और स्वतंत्रता आवश्यक मानी गई हैं लेकिन पूर्व की संस्कृति में जीवन के लिए हवा, भोजन स्वतंत्रता के साथ-साथ गणित का होना भी आवश्यक माना गया हैl
उन्होंने सभागार में उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि आप श्रीनिवास रामानुजन से प्रेरणा लेकर खुद अपना विकास करेंl उन्होंने इस संदर्भ में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के होनहार विद्यार्थी रमाकांत भार्गव का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपने स्नातक अध्ययन के 15 वर्ष बाद मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से गणित में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और गणित की उपासना में लगे रहे और आज गणित के प्रमुख विद्वान हैं l उन्होंने कहा कि आप जीवन के गणित को समझने की कोशिश करें l गणित के बारे में अज्ञात भय को मन से निकाले l हमें रामानुजन के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए रामानुजन ने ज्ञान के प्रकाश से पाश्चात्य सभ्यता के लोगों को उनकी विचारधारा बदलने को विवश कर दिया l


डॉक्टर द्विवेदी ने कहा कि रामानुजन ने 3884 रिजल्ट बताए हैं जो आज तक गलत साबित नहीं हुए हैं l उन्होंने कहा कि मानवता भी समय के अधीन होती है, पर गणित एक ही होती है उसके सिद्धांत हर जगह वही रहते हैंl गणित के सिद्धांत सार्वभौमिक और सर्वकालिक होते हैंl डॉ सभाकांत द्विवेदी ने कहा कि रामानुजन ने पूरी पश्चात सभ्यता को भारतीय ज्ञान की पराकाष्ठा से अचंभित कर दिया था l उन्होंने कहा प्रकृति ने हम सबको बराबर दिया है जब हम अपने दिमाग के पट खोलते हैं तो हमें गणित समझ में आने लगती है l हमें गणित के ज्ञान को अभिव्यक्त करने में समस्या हो सकती है l आपका ज्ञान अज्ञान ही रहता है जब तक कि आप उसे प्रकट करना नहीं जानते, उसे लिखने के साथ-साथ कैसे व्यवस्थित रूप से लिखा जाए यह भी महत्वपूर्ण है l हमें अपनी पहचान में चमक लाने के लिए गणितीय भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए l
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर संजय तिवारी ने कहा की जीवन में हर जगह गणित ही गणित हैl भारत को गणित की धरती कहा जाता हैl विश्व में सबसे ज्यादा गणितज्ञ भारत में ही पैदा हुए हैं |
डॉक्टर तिवारी ने कहा कि गणित को अगर आगे बढ़ाना है तो हमारी मानसिक शक्ति को मजबूत करना होगा l उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि हमारे देश में बच्चे गणित से दूर भागने लगे हैं l आज भारत को एक दूसरे रामानुजन की आवश्यकता है l उन्होंने कहा कि हमें मेहनत की गणित पर ध्यान देने से जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी l
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर सुशील मंडेरिया ने कहा कि गणित दिवस के अवसर पर हमें मध्य प्रदेश में उज्जैन में कायथा में 16वीं शताब्दी में जन्मे प्रख्यात गणितज्ञ वराह मिहिर को अवश्य याद करना चाहिए l उनका शुमार भारत के महान गणितज्ञ में होता है l कार्यक्रम का संचालन रतन सूर्यवंशी निदेशक मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा किया गया l इस अवसर पर मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र भोपाल के विद्यार्थी शिक्षक गण एवं कर्मचारी उपस्थित रहेl

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