सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भोपाल स्थित बड़ा बाग बावड़ी और मकबरों के अन्वेषण एवं संरक्षण का कार्य जगदीश सिंह, प्रोफेसर,वास्तुकला एवं योजना विभाग (मैनिट भोपाल) के समन्वय में इंटैक भोपाल चैप्टर के सहयोग से किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक स्थल, जो 1809-1816 के दौरान निर्मित हुआ था, बड़ा बाग कब्रिस्तान के भीतर स्थित एक तीन मंजिला गहरी बावड़ी है। इसे मूल रूप से नवाब वज़ीर मोहम्मद खान ने बनवाया था और बाद में नवाब कुदसिया बेगम ने इसका संरक्षण किया।


यह स्थल वज़ीर मोहम्मद खान (1806-1816) और उनके पुत्र नजर मोहम्मद खान (1816-1819) के मकबरों का भी स्थान है। नजर मोहम्मद खान की मृत्यु के बाद, कुदसिया बेगम ने अपने पति का मकबरा भी यहीं बनवाया, और उस समय यह बावड़ी "नजर बाग" के नाम से जानी जाती थी। बावड़ी के विस्तृत अध्ययन से इसके उत्कृष्ट स्थापत्य तत्व सामने आते हैं, जिनमें मेहराबों और पतले स्तंभों से युक्त कोलोनैड संरचनाएँ शामिल हैं, जो उस युग की उत्कृष्ट कारीगरी को दर्शाती हैं। संरक्षण कार्यों के अंतर्गत संरचनात्मक स्थिरीकरण, वास्तुशिल्पीय विवरणों का दस्तावेजीकरण और बावड़ी की मूल भव्यता को पुनर्स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।
साथ ही, कुएं के आसपास की अलंकरणीय संरचनाओं को संरक्षित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह पहल शैक्षणिक शोध को व्यावहारिक धरोहर संरक्षण से जोड़ती है, जिससे बड़ा बाग का ऐतिहासिक महत्व भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके। इस स्थल की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने हेतु जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। सामूहिक पुनरुद्धार प्रयासों के माध्यम से, यह परियोजना इस स्थापत्य चमत्कार को पुनर्जीवित कर इसे भोपाल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा बनाने का प्रयास कर रही है।

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