सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: 1880 को उत्तरप्रदेश के बनारस के निकट ग्राम लमही में जन्में आधुनिक काल के प्रसिद्ध कहानीकार व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 144 वीं जयंती मंडल कार्यालय में मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य में मनाई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंडल रेल प्रबंधक द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मुंशी प्रेमचंद जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया। स्वागत संबोधन अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक रश्मि दिवाकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में इटारसी से डॉ. दमयंती सैनी वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी को आमंत्रित किया गया था। उपस्थित अन्य कर्मचारियों ने भी मुंशी प्रेमचंद जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा उनके द्वारा उचित कहानियों एवं उपन्यासों का पाठ किया गया।
मण्डल रेल प्रबंधक ने अपने संबोधन में कहा कि मुंशी प्रेमचंद जी का जीवन परिचय पढ़ने से यह स्वतः ही ज्ञात होता है कि उनका जीवन काफी संघर्षमय रहा है। उन्होंने अपना संघर्षमय जीवन व्यतीत करते हुए भी आधुनिक काल के महान कहानीकार एवं उपन्यासकार के रूप में साहित्य जगत में अपना अद्वितीय स्थान बनाया। इससे हमें कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति सदैव अग्रसर रहने की प्रेरणा मिलती है।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि मुंशी प्रेमचंद का सम्मान करते हुए, हम कहानी कहने की कालातीत शक्ति और समाज को बदलने की इसकी क्षमता का सम्मान करते हैं। आइये, हम उनके शब्दों के माध्यम से व्यक्त की गई सच्चाइयों को अपनाकर उनकी भावना को जीवित रखने का संकल्प लें।
इस अवसर पर अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक (प्रशासन) रश्मि दिवाकर, अपर मंडल रेल प्रबंधक योगेश सक्सेना, मुख्यपरियोजना प्रबंधक के एल मीना, राजभाषा प्रभारी अधिकारी/सहायक सामग्री प्रबंधक प्रदीप कुंडलकर, मंडल कार्यालय के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन हर्षा मुसलगावकर, वरिष्ठ अनुवादक द्वारा किया गया।