सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कइंटीग्रेटेड ट्रेडन्यूज़ भोपाल: आज विद्या बालन का 45वां बर्थडे है। 40 फिल्मों का हिस्सा रहीं विद्या का नाम आज टाॅप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में शामिल है, मगर एक वक्त ऐसा था कि उन्हें 12 फिल्मों से मनहूस कहकर निकाल दिया गया था। ज्यादातर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने से कतराते थे। ऐसे में विद्या के पास रोने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। मां उनकी खराब हालत देखकर भगवान से एक फिल्म की गुहार लगाती थीं।

डायरेक्टर प्रदीप सरकार और प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा ने उनके टैलेंट को पहचाना और फिल्म परिणीता में उन्हें जगह दी। इसके बाद तो विद्या का करियर चल पड़ा। हालांकि इस सफर में भी उतार-चढ़ाव बना रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

आज 204 करोड़ की मालकिन विद्या 3 नेशनल अवाॅर्ड, 3 फिल्मफेयर और पद्मश्री से सम्मानित हैं।

बर्थडे पर विद्या बालन की लाइफ के उतार-चढ़ाव से जुड़े ऐसे ही और दिलचस्प किस्सों पर नजर डालते हैं…

मां नहीं चाहती थीं एक्ट्रेस बनें, पिता के सपोर्ट से सफर आसान हुआ

आज से ठीक 44 साल पहले मुंबई में रहने वाले एक तमिल ब्राह्मण परिवार में एक लड़की का जन्म हुआ। पिता पी.आर. बालन और मां सरस्वती ने उस लड़की का नाम विद्या बालन रखा। पिता ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट में कार्यरत थे और मां गृहिणी थीं।

छोटी विद्या स्कूल के दिनों से ही एक्ट्रेस बनने का ख्वाब देखने लगी थीं, पर परिवार में दूर-दूर तक कोई इस फील्ड से नहीं जुड़ा था। हालांकि पिता उनके इस फैसले को पूरी तरह से सपोर्ट करते थे। उनका कहना था कि वो ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही किसी दूसरी चीज पर फोकस करें, मगर मां को यह काम पसंद नहीं था। वो हमेशा विद्या के पिता से कहती थीं- आप क्यों नहीं इसे ऐसा करने से रोकते हैं। साउथ इंडियन लड़की को यह काम शोभा नहीं देता।

सपनों की पहली मंजिल पर मिली ठोकर

विद्या ने भी मां का कहना मान लिया था, लेकिन वो कभी-कभार थिएटर करती रहती थीं। इसी थिएटर के एक प्ले ने उनके लिए एक्टिंग का दरवाजा खोल दिया। कॉलेज के दौरान उन्हें एक टीवी शो में काम मिला, लेकिन बदकिस्मती से शो कभी ऑन एयर नहीं हुआ।

 

सपनों के पहले पड़ाव पर ही विद्या को ठोकर मिली। उन्हें पता था कि यह सफर उनके लिए आसान नहीं होगा, पर शुरुआत ऐसी होगी, उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी।

एकता कपूर के शो से एक्टिंग डेब्यू किया

खैर, इस दुख को वो भुलाकर आगे बढ़ रही थीं। उस वक्त एकता कपूर के शो हम पांच की लोकप्रियता बहुत ज्यादा थी। इस शो में कुछ अन्य किरदार का ऑडिशन शुरू हुआ। पुराने शो के मेकर्स ने विद्या को भी इस शो का ऑडिशन देने को कहा।

मेकर्स की बात सुन उनके मन में ऑडिशन देने की इच्छा जागी, लेकिन मां की वजह से उन्होंने तुरंत फैसला नहीं लिया। विद्या ने यह बात पहले मां को बताई। ‘हम पांच’ मां का पसंदीदा टीवी शो था, इस कारण उन्होंने हामी भर दी।

विद्या ने इस शो में लगभग डेढ़ साल काम किया। फिर उन्होंने इस शो को अलविदा कह दिया क्योंकि इसका असर कॉलेज अटेंडेंस पर पड़ रहा था।

एक्टिंग से ब्रेक लेकर विद्या ने पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगा दिया था, लेकिन मन में एक्टिंग ना करने पाने की कसक अभी जिंदा थी। इसी दौरान एक दिन विद्या के पास कॉमर्शियल ऐड के लिए काॅल आया। इसके लिए हां करने का फैसला भी उन्होंने मां पर छोड़ रखा था।

मां को लगा 1-2 ऐड्स करने के बाद विद्या का एक्टिंग का भूत उतर जाएगा। इसी सोच के साथ उन्होंने इसके लिए भी हामी भर दी। मगर, 1-2 से यह गिनती बढ़कर 90 तक पहुंच गई। विद्या भी किसी ऐड को ना नहीं कहती थीं क्योंकि इससे काॅलेज की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ता था।