सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ 2025 को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने महाकुंभ में हाल ही में हुई भगदड़ और अव्यवस्थाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला और इसे ‘मृत्यु कुंभ’ करार दिया। उनके इस बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत कई हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
ममता का आरोप – अव्यवस्था और सरकार की नाकामी
ममता बनर्जी ने कहा, “महाकुंभ आस्था का सबसे बड़ा पर्व है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही और प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण यह ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है। भक्तों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।”
उन्होंने हाल ही में हुई भगदड़ और अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की विफलता के कारण श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं, और यह पूरी तरह से प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।
बीजेपी का पलटवार – “आस्था का अपमान बर्दाश्त नहीं!”
ममता के बयान पर बीजेपी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “ममता बनर्जी का यह बयान करोड़ों हिंदुओं की आस्था का अपमान है। महाकुंभ हमारी संस्कृति और धर्म का प्रतीक है। प्रशासन कुंभ मेले को सफल बनाने में पूरी तरह समर्पित है।”
बीजेपी प्रवक्ता ने इसे “राजनीतिक स्टंट” बताते हुए कहा कि “ममता बनर्जी हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए ऐसे बयान देती हैं।”
हिंदू संगठनों में नाराज़गी, संत समाज ने जताई आपत्ति
ममता के बयान पर हिंदू संगठनों और संत समाज ने भी नाराजगी जताई है। कई साधु-संतों ने इसे “सनातन धर्म का अपमान” करार दिया और उनसे अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ममता बनर्जी का यह बयान विपक्षी दलों को आक्रामक रुख अपनाने का मौका दे सकता है। साथ ही, 2024 के आम चुनाव और 2025 के यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।
क्या ममता बनर्जी अपने बयान पर कायम रहेंगी?
अब देखने वाली बात यह होगी कि ममता बनर्जी अपने बयान पर अड़ी रहती हैं या दबाव के चलते सफाई देती हैं। फिलहाल, उनके इस बयान ने हिंदू संगठनों और बीजेपी को आक्रामक कर दिया है, जिससे सियासी माहौल गर्म हो गया है।