सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब वहां संसदीय चुनाव में भी भारत का जिक्र हो रहा है। मालदीव में 21 अप्रैल को संसदीय चुनाव हैं। इस दौरान एक चुनावी कैंपेन में मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों का जिक्र किया।उन्होंने लोगों को भारतीय सैनिकों के मालदीव से निकाले जाने के बारे में जानकारी दी।

12 अप्रैल को एक चुनावी बैठक के दौरान मुइज्जू ने बताया कि मालदीव से 9 अप्रैल को भारतीय सैनिकों को दूसरा बैच भी निकल चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना का ये बैच वहां डोर्नियर विमान का संचालन करता था। मालदीव में मुइज्जू सरकार की इंडिया आउट मुहीम के तहत वहां से भारतीय सैनिकों को निकाला जा रहा है।

मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सैनिक के पहले समूह की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की थी। इसके तहत 25 भारतीय सैनिकों के पहले समूह ने 11 मार्च को ही मालदीव छोड़ दिया था।

फरवरी में नई दिल्ली में हुए मालदीव और भारत के बीच समझौते में ये तय हुआ था कि सैन्य विमानों के संचालन की देखरेख के लिए मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह भारत की टेक्निकल स्टाफ टीम लेगी। इसके बाद 29 मई को 26 टेक्निकल स्टाफ का पहला बैच मालदीव पहुंच गया था।

मालदीव में क्या कर रहे भारतीय सैनिक

मालदीव में करीब 88 भारतीय सैनिक हैं। ये दो हेलिकॉप्टर और एक एयरक्राफ्ट का ऑपरेशन संभालते हैं। आमतौर पर इनका इस्तेमाल रेस्क्यू या सरकारी कामों में किया जाता है। मालदीव में इंडियन हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट मानवीय सहायता और मेडिकल इमरजेंसी में वहां के लोगों की मदद करते रहें। इन ऑपरेशन को संभालने के लिए ही टेक्निकल स्टाफ भेजा गया है।

भारत ने मालदीव को 2010 और 2013 में दो हेलिकॉप्टर और 2020 में एक छोटा विमान तोहफे के तौर पर दिया था। इस पर मालदीव में काफी हंगामा हुआ। मुइज्जू के नेतृत्व में विपक्ष ने तत्कालीन राष्ट्रपति सोलिह पर ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति अपनाने का आरोप लगाया था।

मोहम्मद मुइज्जू ने की थी विवाद की शुरुआत

भारत और मालदीव में विवाद की शुरुआत 15 नवंबर 2023 को हुई, जब मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति की शपथ ली थी। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में इंडिया आउट मुहीम चलाई थी। विवाद तब ज्यादा बड़ गया, जब 4 जनवरी को PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप की खुबसूरती का जिक्र किया था।

इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर है कि लक्षद्वीप जाएं। इसी पर मालदीव सरकार के 3 मंत्रियों माल्शा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्लाह महजूम माजिद ने PM मोदी और भारत के खिलाफ टिप्पणी की थी। साथ ही भारत की टूरिज्म सेक्टर में फेसेलिटीज को लेकर भी कमेंट्स किए थे। इसके बाद 7 जनवरी को इन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।