भोपाल । युग शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के तीन अनमोल रत्न परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य मुनि श्री 108 उत्तम सागरजी ,परम पूज्य मुनि श्री 108 कुन्थु सागर जी , परम पूज्य मुनि श्री 108 पुराण सागर जी के सानिध्य में मज्जिनेंद्र चौबीसी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव मैं गुरुवार को तप कल्याणक कि आराधना कि गई।। मुनि संघ द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ 24 तीर्थंकर भगवानों रजत माई प्रतिमाएं दिक्षा के संस्कार दिए गए।विधानाचार्य धीरज भैया जी के निर्देशन में धार्मिक अनुष्ठान हुए।। आज बालक आधी कुमार की बारात निकाली गई यह बताया कि विभिन्न देशों से आए हुए बारातियों ने उनका स्वागत किया एवं इंदौर के कलाकारों द्वारा बनाई गई

अस्थाई अयोध्या नगरी बालक आधी कुमार का मंडप अपने आप में आकर्षण का केंद्र था एवं उसी नगरी में इंद्र इंद्राणीयों ने झूम झूम कर आदि कुमार के बारात में भक्ति नृत्य किया। पंचकल्याणक महोत्सव के मंच से सोधर्म इंद्र और कुबेर एवं भगवान के बने हुए माता-पिता एवं श्रद्धालुओं ने बालक आधी कुमार के आलौकिक बारात का मंचन किया गया।

जिसके पश्चात इंद्र इंद्राणीयों एवं मुख्य पात्रों एवं कुबेर, सौधर्म इंद्र एवं श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के बारात के उपलक्ष में भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो कि पंडाल से होते हुए दशहरा मैदान मंडप में पहुंची जहां श्रद्धालुओं के जयकारों से आदि कुमार की जय से पूरा पंडाल गुंजायमान हो गया।। दोपहर की बेला में इंदौर के कलाकारों द्वारा युवराज आदिनाथ का विवाह ,राज अभिषेक, षठ कर्म उपदेश, नीलांजना नृत्य, पालकी पर अरूड़ होकर दिक्षावन की ओर प्रस्थान किया। इंद्राणीयों इंद्र द्वारा भगवान जिनेंद्र की पूजा अर्चना कर तप कल्याणक क्रिया की।विधानाचार्य स्पष्ट वक्ता ब्रह्मचारी धीरज भैया (राहतगढ़), ब्रह्मचारी — नितिन भैया के निर्देशन में इन्द्रौं द्वारा प्रातः बेला में दशहरा मैदान अशोका गार्डन में अभिषेक एवं संसार के समस्त जीवों के कल्याण हेतु विशेष मंत्रों द्वारा इंद्र द्वारा शांति धारा की गई एवं साथ में भक्तिमय नृत्य करा।।

।।परम पूज्य मुनि श्री 108 उत्तम सागरजी ,परम पूज्य मुनि श्री 108 कुन्थु सागर जी , परम पूज्य मुनि श्री 108 पुराण सागर जी के सानिध्य में मज्जिनेंद्र चौबीसी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में इंद्र इंद्राणीयों एवं मुख्य पात्रों द्वारा विशेष मंत्रों से तप कल्याणक के दिन विशेष क्रिया प्रतिष्ठाचार्य द्वारा की गई।। विधानाचार्य धीरज भैया जी के मुखारविंद से समस्त संसार के जीवो के कल्याण हेतु शांति धारा विशेष मंत्रों उच्चारण द्वारा की गई।।

।। मुनि श्री 108 पुराण सागर जी ने बताया कि संसारिक वैभव के त्याग के बिना ,आत्म वैभव कि प्राप्ति नहीं हो सकती ।तुम आत्म वैभव कि प्राप्ति के लिए प्रयत्न करो ,तभी कल्याण होगा ।वह उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच प्रवचन कर रहेथे ,उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करने के उद्देश्य से जैन धर्म के तीर्थंकर के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तीर्थंकरों ने धन वैभव का त्याग व दिगम्बर अवस्था धारण कर निर्वाण महापद को प्राप्त किया ।
मुनि श्री ने जैन धर्म पर चर्चा करते हुए कहा कि तीर्थंकरों द्वारा उपदिष्ट इस धर्म के पास अनूठी संस्कृतिक विरासत है ।जैन धर्म में दर्शन ही नहीं विज्ञान व भूगोल आदि विषयों के गूढ़ रहस्य भी छूपे हुए हैं ।विज्ञान व अंतरिक्ष विज्ञान में होने वाली खोजों के मूल्य रहस्य और प्रेरणा जैन ग्रंथों पर आधारित है ।इसलिए हम सभी को संकल्प पूर्वक जैन धर्म के देव शास्त्र व गुरु इसके तीर्थों कि रक्षा के लिए सतत् कृतसंकल्प रहना चाहिए।

आशीष वचन में आगे कहा कि दिगम्बर मुनि कि मुद्रा देखने मात्र से त्याग व संयम का संदेश प्राप्त हो जाता है ।लोग धर्म के भय ,भक्ति व मोह के कारण जुड़ते हैं ।जो भय एवं मोह के कारण धर्म से जुड़ते हैं वे धर्म के मर्म को नहीं समझ सकते और धर्म का मर्म समझने के लिए श्रद्धाभक्तिपूर्वक धर्म से जुड़ना पड़ता है तभीत्याग के आत्मवैभव प्राप्त होता है।

मीडिया प्रभारी अंकित जैन पंचकल्याणक महोत्सव समिति ने बताया पंचकल्याणक महोत्सव का समापन श्रीजी की भव्य शोभायात्रा से होगा।। शुक्रवार को ज्ञान कल्याणक की क्रियाएं होंगी।। तीनों मुनिराजों के सानिध्य में होगी मंत्र आराधना, अधिवासना, महोद्वाटन , नेत्रों मिलन, प्राण प्रतिष्ठा , केवल ज्ञान उत्पत्ति के साथ समोहशरण की रचना होगी।

मुनि श्री उत्तम सागर जी महाराज की प्रेरणा से धर्म रक्षक श्रावक शिरोमणि नामक सम्मान उन परिवारों को दिया गया जिनके दंपति जीवन में 2005 के बाद 3 या 3 से अधिक संतान हैं समिति द्वारा पंचकल्याणक महोत्सव मंच से 26 परिवारों का सम्मान किया गया।।

इस मौके पर समिति के पदाधिकारी पवन मिलन सत्येंद्र जैन रितेश आशु सुमित जैन आदि उपस्थित थे कल ज्ञान कल्याणक के दिन आकर्षण का केंद्र होगा भगवान आदिनाथ का आहार चर्या जिसको देखने विभिन्न विभिन्न प्रदेशों के लोग आ रहे हैं।। आज 11 मील पर बनने वाले नवीन जिनालय का बैनर का विमोचन समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया गया 11 मील नवीन जिनालय में बनने वाली 11 फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान होने वाली है।