मध्यप्रदेश एक बार फिर निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार है। 11-12 फरवरी, 2025 को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) प्रदेश को नए औद्योगिक अवसरों से जोड़ने का एक ऐतिहासिक मंच बनने जा रही है। इस समिट में देश-विदेश के बड़े उद्योगपति, निवेशक और नीति-निर्माता शामिल हो रहे हैं, जो मध्यप्रदेश को भविष्य के इंडस्ट्रियल और इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।

नए औद्योगिक युग की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश

राज्य सरकार ने इस समिट को “इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट” के तीन प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित किया है। इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, ऑटोमोबाइल, फार्मा, आईटी, एग्री-बिजनेस और स्टार्टअप जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया जा रहा है।

बड़े उद्योगपति और निवेशक होंगे शामिल

इस समिट में अडाणी ग्रुप, बिड़ला ग्रुप, टाटा ग्रुप, गोदरेज, पारले एग्रो और अन्य प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इनका उद्देश्य प्रदेश में निवेश के नए अवसरों को तलाशना और व्यापारिक संभावनाओं को मजबूत करना है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (या मौजूदा मुख्यमंत्री) ने कहा:
“मध्यप्रदेश अब सिर्फ एक कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि इंडस्ट्रियल और स्टार्टअप हब बनने की ओर अग्रसर है। हम निवेशकों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

महिला उद्यमिता को बढ़ावा

इस समिट में एक और महत्वपूर्ण पहल यह है कि 3,000 से अधिक महिला उद्यमी इसमें भाग ले रही हैं। पारले एग्रो की शाउना चौहान जैसी महिला उद्योगपतियों की भागीदारी से यह स्पष्ट है कि सरकार महिला उद्यमिता को भी प्राथमिकता दे रही है। यह मध्यप्रदेश की बदलती औद्योगिक सोच का संकेत है, जहां “सशक्तिकरण के साथ व्यापार” को बढ़ावा दिया जा रहा है।

क्यों है यह समिट महत्वपूर्ण?

राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने का अवसर

हजारों करोड़ रुपये के निवेश समझौतों की संभावना

नई टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को अपनाने का मंच

रोजगार के हजारों नए अवसर सृजित होने की उम्मीद

महिला उद्यमिता को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम

भविष्य की तैयारी

मध्यप्रदेश सरकार इस समिट के जरिए न केवल निवेश आकर्षित करना चाहती है, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि राज्य में आने वाला हर निवेश जमीनी हकीकत में बदले। इसके लिए “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को सरल बनाया गया है और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं।

निष्कर्ष:

मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि प्रदेश की औद्योगिक यात्रा में एक नया मील का पत्थर साबित होने जा रही है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, नए रोजगार सृजित होंगे और मध्यप्रदेश भारत के सबसे तेज़ी से उभरते निवेश गंतव्यों में शामिल होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह समिट प्रदेश के औद्योगिक भविष्य को कितनी तेजी से आकार देती है।

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