सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती अरुणा मोहन राव, पूर्व आईपीएस अधिकारी, भोपाल उपास्थित थीं। कार्यक्रम में मुख्या वक्त के रूप में श्रीमती कला मोहन, संस्थापक, निदान संस्थान, भोपाल उपस्थित थीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय तिवारी द्वारा की गई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के b.Ed विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा महिला दिवस की थीम पर रंगोली बनाई गई एवं विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों की प्रस्तुति दी गई। जिसमे विभिन्न प्रेरणादायक कविता, गीत एवं संदेशात्मक मॉक एक्ट (मूक अभिनय) प्रस्तुत किये गए।

श्रीमती अरुणा मोहन राव ने अपने वक्तव्य में कहा कि, महिलाओं को किसी विशेष दिवस की जरूत नहीं, हर दिन महिला दिवस होता है। उन्होंने कहा कि, आज क्या बल्कि किसी भी युग में महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती है। श्रीमती राव ने कहा कि, महिला ही मानव दुनिया की उत्पत्ति का कारक है। उन्होंने इस वर्ष 8 मार्च के महिला दिवस एवं शिवरात्रि के संयुक्त अवसर पर अर्धनारीश्वर भगवान शिव का उदाहरण देते हुए कहा की, भगवान ने तो हमारी रचना में कोई कसर नहीं छोड़ी किंतु यह हम और हमारा समाज है, जो नारी और पुरुष में भेदभाव करते हैं।

उन्होंने भारतीय समाज के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि, हमारा समाज बहुत ज्यादा पुरुष प्रधान था और काफी हद तक आज भी पुरुष प्रधान है। महिलाओं ने लगभग हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी हासिल की है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, इसमें महिलाओं ने अपने कदम नहीं रखे हैं। लेकिन सोचने की बात है कि, ऐसी कितनी प्रतिशत महिलाएं हैं ? क्योंकि अधिकतर महिलाएं तो ऐसी हैं, जिन्हें उनके भविष्य के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है।

यह समस्या केवल भारत की ही नहीं बल्कि, यह पूरी दुनिया की समस्या है। श्रीमती अरुणा ने अपने पुलिस विभाग के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, महिलाओं और बच्चियों के लिए एक सुरक्षित परिवार, एक सुरक्षित कॉलोनी, एक सुरक्षित गांव, एक सुरक्षित शहर बनाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद और मनोवैज्ञानिक श्रीमती कला मोहन ने अपने उद्धबोधन में कहा कि, निदान में बच्चों के काउंसलिंग और देखभाल की जाती है। यह एक नॉन प्रॉफिटऑर्गेनाइजेशन है। उन्होंने बताया कि, निदान संसथान में न्यूरो संबंधी बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए कार्य किया जाता है। हमें विशिष्ठ आवशयकता वाले बच्चों के लिए एडवोकेट और एक्टिविस्ट दोनों बनाना पड़ेगा। सभी स्कूलों को समावेशी स्कूल होना पड़ेगा।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. सुशील मंडेरिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, प्रत्येक दिवस ही महिला दिवस है। आज की नारी अपनी शर्तों पर जीवन जी रही है। आज परिवार में पिता कहते हैं कि हमारी बेटियां हैं तो जीवन सार्थक हो गया है।
कार्यक्रम का संचालन मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. साधना सिंह बिसेन ने किया। आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. रतन सूर्यवंशी द्वारा किया गया। महिला दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक,अधिकारी, कर्मचारी गण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।