सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड– न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार अवैध कॉलोनियों पर सख्त कार्रवाई के लिए कमर कस रही है। राज्य के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा में घोषणा की है कि जल्द ही एक नया विधेयक पेश किया जाएगा, जिसमें अवैध कॉलोनियों पर निगरानी और कार्रवाई के लिए सख्त प्रावधान होंगे। यह कदम राज्य में बढ़ती अवैध कॉलोनियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए उठाया जा रहा है।
विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य में 6,000 से अधिक कॉलोनियों की पहचान अनधिकृत के रूप में की गई है और इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के हितों की सुरक्षा के लिए यह विधेयक लाया जाएगा। इस विधेयक में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) जैसे कड़े प्रावधान शामिल होंगे, जिससे अवैध कॉलोनियों के निर्माण में शामिल ‘मजबूत गठजोड़’ पर नकेल कसी जा सकेगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संकेत दिया है कि वह अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले साल लिए गए फैसले को बदल देंगे। चौहान ने अपने कार्यकाल के दौरान अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा की थी, जिसे अब वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि दिसंबर 2016 से दिसंबर 2022 के बीच विकसित सभी अवैध कॉलोनियों को वैध घोषित किया जाएगा। चौहान ने तब यह भी कहा था कि इन कॉलोनियों को अवैध कहना गलत है, क्योंकि लोग अपने मेहनत की कमाई से यहां मकान बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूर्व में भी कई बार शिवराज सिंह चौहान के फैसलों को बदलने की पहल की है। उन्होंने शिवराज सरकार द्वारा लिए गए मध्य प्रदेश गान के सम्मान में खड़े होने के फैसले को बदलते हुए कहा था कि यह आवश्यक नहीं है, क्योंकि मध्य प्रदेश गान राष्ट्रगान से बड़ा नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का भी फैसला लिया था, जिसे चौहान के कार्यकाल में स्थापित किया गया था।
यह देखना दिलचस्प होगा कि अवैध कॉलोनियों के मुद्दे पर सरकार के इस कदम से क्या परिवर्तन होते हैं और इन कॉलोनियों में रहने वाले निवासियों का भविष्य किस दिशा में जाता है।