सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :तुर्की के ब्लैक सी इलाके में डेली बाल (Deli bal) या ‘मैड हनी’ पाया जाता है, जो एक रेयर और पॉवरफुल टाइप का शहद है जो नेपाल के हिंदू कुश पर्वत में भी मिलता है. ये शहद रोडोडेंड्रोन फूलों (Rhododendron Flowers) के नेक्टर से हासिल होता है, जिसमें (Grayanotoxin) होता है, जो एक नेचुरल टॉक्सिन है. कम मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो ये हल्का नशा या मेडिसीनल फायदे देता है, जैसे कि ब्लड प्रेशर कम करना या यौन उत्तेजक के रूप में काम करना. हालांकि ज्यादा मात्रा में सेवन करने से चक्कर आना, लो ब्लड प्रेशर, मतली और यहां तक कि गंभीर पॉयजनिंग हो सकता है |
तीन पीढ़ियों से मधुमक्खी पालन कर रहे परिवार के सदस्य, बी-कीपर हसन कुटलुआटा (Hasan Kutluata) ने सीएनएन को बताया कि, तुर्की के घने काककर पर्वत (Kaçkar Mountains) में ऊंचाई पर स्थित छत्तों से इस गहरे एम्बर हनी को सावधानीपूर्वक निकालते हैं. वो मधुमक्खियों को शांत करने के लिए एक बी स्मोकर मशीन का इस्तेमाल करते है, जो खतरे में होने पर एक चेतावनी फेरोमोन को छोड़ती हैं. ‘मैड हनी’ के अनूठे स्वाद में इसकी मिठास के नीचे कड़वाहट होती है, साथ ही गले में जलन होती है, जो ग्रेयानोटॉक्सिन (Grayanotoxin) की मौजूदगी का संकेत होता है |
ऐतिहासिक और आधुनिक महत्व
ऐतिहासिक रूप से ‘मैड हनी’ का इस्तेमाल हथियार के तौर किया गया है. चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में, ब्लैक सागर तट पर ट्रैबज़ोन (Trabzon) के पास यूनानी सैनिकों ने इसका जरूरत से ज्यादा सेवन किया, जिससे वे अक्षम हो गए और हमला करने लायक नहीं रहे. आज, ये शहद अपनी दुर्लभता और पोटेंशियल हेल्थ बेनेफिट्स की वजह से एक प्रीमियम प्राइस पर बिकने वाला एक लक्जरी फूड आइटम है |
मधुमक्खी पालन की चुनौतियां
हसन कुटलुआटा के काम में कई रिस्क शामिल हैं. इस शहद की तरह भालू अट्रैक्ट हो जाते हैं जो मधुमक्खियों के छत्तों पर हमला करते हैं. उनका बी-कीपिंग हट, जो स्टिल्ट्स पर बनी है और मेटल से लिपटे खंभों के साथ है, इस तरह के घुसपैठ को नाकाम करने के लिए डिजाइन की गई है. इन सावधानियों के बावजूद, कुटलुआटा को 20 साल पहले एक भालू के हमले में गंभीर चोटें आई थीं |
हनी तैयार करने में कुदरत का रोल
काककर पर्वतों का प्राचीन वातावरण – शहरी शोर और प्रदूषण से आजाद है, जो शहद की क्वालिटी को बढ़ाता है. बैंगनी रोडोडेंड्रोन ( Purple rhododendrons) और चेस्टनट फ्लावर (Chestnut flowers) जैसे मौसमी खिलने वाले फूल, शहद के टेस्ट और टॉक्सिंस के लेवल को निर्धारित करते हैं. कुटलुआटा ने नोट किया है कि शहद जितना ज्यादा वक्त तक छत्ते में रहता है, उसकी गुणवत्ता उतनी ही अधिक होती है, जिसे इसके प्रोमिल वैल्यू (Promille value) द्वारा मापा जाता है |
टर्किश कल्चर में शहद की अहमियत
‘मैड हनी’ तुर्की घरों में काफी अहमियत रखता है, न सिर्फ भोजन के रूप में बल्कि एक प्राकृतिक उपचार के रूप में भी. हसन कुटलुआटा का परिवार इसे अपने डेली डाइट में शामिल करता है और इसके औषधीय गुणों को महत्व देता है, जैसे कि गले में खराश को शांत करना या नेचुरल एंटीबायोटिक के रूप में काम करना. इसके भौतिक लाभों से परे, कुटलुआटा को मधुमक्खी पालन किसी चिकित्सीय फायदे से कम नहीं लगता है, क्योंकि मधुमक्खियों की देखभाल करने से उन्हें स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर करने में मदद मिलती है |
मैड हनी के बारे में दुनिया का नजरिया
जबकि ‘मैड हनी’ को टर्की और अन्य देशों में कानूनी रूप से बेचा जाता है, वहीं यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन इस शहद की टॉक्सिसिटी के रिस्क के कारण इसके सेवन के खिलाफ सलाह देता है. हालांकि इसके दुर्लभ लक्षणों में चक्कर आना, उल्टी और गंभीर नशा शामिल हो सकता है |
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