सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : MAAC, जो उच्च स्तरीय 3D एनीमेशन, गेमिंग और VFX प्रशिक्षण में अग्रणी संस्थान है, ने “100 Hours” नामक एक टेक्नोलॉजी आधारित चुनौती का आयोजन किया। यह प्रतियोगिता पूरे भारत के MAAC छात्रों के लिए आयोजित की गई, जिसमें उन्हें 3D एनिमेटेड फिल्में और डिजिटल-फर्स्ट फिल्में बनाने की चुनौती दी गई। इस प्रतियोगिता का विषय था — 3D एनीमेशन के लिए टेक्नोलॉजी और मानव सह-अस्तित्व, और डिजिटल फिल्ममेकिंग के लिए महिला सुरक्षा, कला शैलियाँ और मानसिक स्वास्थ्य।
यह प्रतियोगिता 22 मार्च 2025 को शुरू हुई और 26 मार्च 2025 की शाम को समाप्त हुई। इस इवेंट में एक क्रिएटिव मूवी-मेकिंग मैराथन शामिल थी, जिसमें छात्रों ने टीमों में मिलकर लगातार काम करते हुए 30 सेकंड की एनिमेटेड शॉर्ट फिल्म और 60 सेकंड की मोबाइल फिल्में (iOS/Android डिवाइस का उपयोग करते हुए) बनाई — वह भी बिना रुके पूरे 100 घंटों (लगभग 4.2 दिन) तक।
इस प्रक्रिया के दौरान, भाग लेने वाले छात्रों को कुल 1400 घंटे की विशेषज्ञ मार्गदर्शन मिला और उन्हें 3D एनीमेशन के प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन समेत पूरे प्रोडक्शन पाइपलाइन पर काम करने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ। इस 100 घंटे की रचनात्मक फिल्ममेकिंग मैराथन ने छात्रों को एक अनोखा अनुभव प्रदान किया, जिसमें उन्होंने मोबाइल या एनीमेशन के माध्यम से लघु फिल्में बनाईं।
इस साल प्रतियोगिता में मोबाइल फिल्ममेकिंग श्रेणी को दूसरी बार शामिल किया गया, क्योंकि आज की युवा पीढ़ी शॉर्ट फिल्म्स और रील्स जैसे कंटेंट की भारी मात्रा में खपत कर रही है।
इस तकनीकी चुनौती में बड़ी संख्या में भागीदारी देखी गई — 180 से अधिक टीमों (प्रत्येक टीम में 5 छात्र) ने हिस्सा लिया और 180 से ज्यादा एनीमेटेड व मोबाइल शॉर्ट फिल्में बनाईं। यानी लगभग 900 से अधिक छात्रों ने मिलकर 90,000 घंटे में 9,000 सेकंड की फिल्में तैयार कीं — जिसमें 3,000 सेकंड की एनीमेशन फिल्में और 6,000 सेकंड की मोबाइल फिल्में शामिल हैं।
इस टेक चैलेंज की डिजाइन MAAC के “360 डिग्री स्किल्स एडवांटेज” सिद्धांत पर आधारित है, जो छात्रों के कौशल और प्रतिभा को परखता है और उन्हें उद्योग में नौकरी के लिए तैयार करता है। छात्र वास्तविक कार्य परिवेश का अनुभव करते हैं, समयबद्ध प्रोजेक्ट पर काम करते हैं और आवश्यक सॉफ्टवेयर व तकनीकी सहायता का प्रयोग करते हुए अपने कौशल को विकसित करते हैं। यह चुनौती उन्हें प्रोफेशनल स्टूडियो जैसी सेटिंग में काम करने का अनुभव देती है, जिससे वे पहले दिन से ही इंडस्ट्री-रेडी हो जाते हैं।
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